केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, आतंकवादियों की भर्ती और पाक से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए काम कर रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय (File Photo)
Central Government Ban lashkar-e-taiba associate organization: आतंकवाद पर केंद्र सरकार का प्रहार जारी है. लगातार दूसरे दिन सरकार ने आतंकवाद पर बड़ा फैसला किया. गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान आधारित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा है.
2019 में आया था अस्तित्व में
केंद्रीय गृह मंत्रालय की मानें तो यह समूह वर्ष 2019 में प्रतिबंधित संगठन लश्कर के प्रॉक्सी के रूप में अस्तित्व में आया था, जो 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों सहित कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा था. टीआरएफ भारत सरकार के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर के लोगों को उकसाने का काम करता है. इसके लिए वह सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहा है. सोशल मीडिया के जरिये ही यह संगठन लोगों का ब्रेन वॉश करता है और उन्हें आतंकवादी बनाता है.
टीआरएफ का कमांडर आतंकवादी घोषित
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि शेख सज्जाद गुल टीआरएफ का एक कमांडर है और उसे गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम,1967 के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है. मंत्रालय ने ये भी कहा कहा है कि इस संगठन की गतिविधियां भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा हैं और इसके सदस्यों और सहयोगियों के खिलाफ बड़ी संख्या में मामले दर्ज किए गए हैं.
जम्मू कश्मीर के एक और शख्स को आतंकी घोषित किया
केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को भी आतंकवादी घोषित किया गया है. मोहम्मद अमीन वर्तमान समय में पाकिस्तान में रह रहा है. वह सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के अलावा हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति और आतंक के वित्तपोषण में भी शामिल रहा है.