32.6 C
Jalandhar
Saturday, August 2, 2025
spot_img

UN: रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, प्रेग्नेंसी के दौरान हर 2 मिनट पर होती है एक महिला की मौत

UN Report: रिपोर्ट के अनुसार, बेलारूस में ऐसे मामलों में रिकॉर्ड कमी आयी है यहां 95.5 फीसदी कमी आई है. वहीं वेनेजुएला की हालत बेहद ख़राब है. यहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं.

United Nations Report claims A Woman Dies Every 2 Minutes During Pregnancy Or Childbirth UN: रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, प्रेग्नेंसी के दौरान हर 2 मिनट पर होती है एक महिला की मौत

सांकेतिक तस्वीर

Report: गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के समय हर दो मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है. यह चौंकाने वाली रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र संघ ने गुरुवार (23 फरवरी) को एक पेश की है. रिपोर्ट में कहा गया कि 20 वर्षों में मातृ मृत्यु दर में एक तिहाई की गिरावट के बावजूद यह स्थिति है.

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि महिलाओं की मौत के मामलों में साल 2000 से 2015 के बीच जबरदस्त गिरावट आई है. 2016 से लेकर 2020 के बीच मृत्यु दर का आंकड़ा स्थिर रहा. हालांकि, कुछ जगहों पर इस दौरान मृत्यु दर का आंकड़ा बढ़ा भी है.

20 सालों में आई गिरावट 

विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों की एक रिपोर्ट के अनुसार, 20 साल की अवधि में समग्र मातृ मृत्यु दर में 34.3 प्रतिशत की गिरावट आई है. साल 2000 में एक लाख बच्चों के जन्म के दौरान 339 महिलाओं की मौत हो रही थी. 2020 में यह आंकड़ा घटकर 223 हो गया. इस तरह 2020 में करीब 800 महिलाओं की मौत हर दिन हुई. इन आकंड़ों के हिसाब से हर दो मिनट पर एक महिला की गर्भावस्था संबंधी परेशानियों की वजह से मौत हो जाती है.

 

वेनेजुएला की हालत बेहद ख़राब

रिपोर्ट के अनुसार, बेलारूस में ऐसे मामलों में रिकॉर्ड कमी आयी है यहां 95.5 फीसदी कमी आई है. वहीं वेनेजुएला की हालत बेहद ख़राब है. यहां सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के चीफ टेड्रोस ग्रेब्रेसियस ने कहा कि गर्भावस्था एक महिला के लिए उत्साह, उम्मीद और सकारात्मक अनुभव होना चाहिए, लेकिन अभी भी यह लाखों महिलाओं के लिए खतरनाक अनुभव बना हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि दो तिहाई मौतें बच्चा पैदा होने के बाद होती हैं. बच्चे को जन्म देने के बाद हेवी ब्लीडिंग होना एक बड़ी समस्या है. इमरजेंसी डिलीवरी के बाद यूट्रस के फट जाने से भी मौतें होती हैं. भारत की बात करें, यहां भी हालात बहुत बेहतर नहीं है. आंकड़ों की माने तो एक अरब 20 करोड़ आबादी वाले भारत को हर साल 1 करोड़ 20 लाख यूनिट खून की जरूरत है, लेकिन केवल 90 लाख यूनिट एकत्र किया जाता है. इस तरह 25 प्रतिशत खून की कमी रह जाती है और मरीज अपनी जान गंवा देते हैं.

Related Articles

Stay Connected

2,684FansLike
4,389FollowersFollow
5,348SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles