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Sunday, August 3, 2025
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RTH Bill Protest: राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करना पड़ेगा भारी? गहलोत सरकार ने प्रदर्शनकारियों को दी ये चेतावनी

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ बुधवार को सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. ऐसे में सरकार एक्शन में आ गई है और डॉक्टरों को पीछे हटाने के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों को नोटिस जारी कर दिया है.

Rajasthan doctors strike today against Right to health bill government releaseed ultimatum notice ann RTH Bill Protest: राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करना पड़ेगा भारी? गहलोत सरकार ने प्रदर्शनकारियों को दी ये चेतावनी

राइट टू हेल्थ बिल के खिलाफ प्रदर्शन करते डॉक्टर्स ( Image Source : PTI )

Rajasthan RTH Bill Protest: राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है. जहां इतने दिनों से प्राइवेट डॉक्टर्स सड़कों पर उतरकर बिल का विरोध कर रही है तो वहीं अब बुधवार को करीब 19 हजार सरकारी डॉक्टर हड़ताल (Government Doctor’s Strike) पर रहेंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की लगातार अपील के बाद भी डॉक्टर्स पीछे हटने को तैयार नहीं है. ऐसे में अब राजस्थान सरकार ने डॉक्टरों के लिए नोटिस जारी कर दिया है.

बता दें कि निजी डॉक्टरों के बाद अब सरकारी डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश ने स्वास्थ्य व्यवस्था को चरमरा दिया है और मरीजों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. इस कड़ी में राजस्थान सरकार अब एक्शन में आ गई है. दरअसल सरकार की ओर से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों को नोटिस जारी कर दिया गया है जिसके तहत प्रधानाचार्य को सभी यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी स्वास्थ्य सेवाएं बिना रुके चलें.

बिना किसी रुकावट के चलें जरूरी सेवाएं
राजस्थान सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि राज्य में वर्तमान में निजी चिकित्सालयों का संचालन बंद होने के कारण मरीजों को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है और राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सा सेवाए बाधित हो रही हैं. ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करें कि सभी जरूरी सेवाएं जैसे ओ.पी.डी., आई.पी.डी., आई.सी.यू. और आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ स्त्री और प्रसूति रोग से संबंधित सेवाएं बिना किसी रुकावट के चल सके.

कार्य बहिष्कार करने पर हो कार्यवाही
नोटिस में यह भी कहा गया है कि समस्त चिकित्सक शिक्षकों, चिकित्सकों, रेजिडेन्ट्स, पेरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ को केवल विशेष परिस्थितियों में अवकाश दिया जाए. इसके अलावा यदि रेजिडेन्ट चिकित्सक किसी भी प्रकार की कर्तव्य के प्रति लापरवाही करते हैं, राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं या मरीजों से दुर्व्यवहार करते हैं तो उनका पंजीयन रद्द करने की कार्यवाही की जाए. राज्य सरकार के नियमित कार्मिक अगर कार्य बहिष्कार करते हैं तो उनपर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही के भी निर्देश दिए गए हैं.

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