सीएम भगवंत मान ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों के दौरान फैले नशे के कारोबार ने राज्य की भावी पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है। इन दलों के रसूखदार नेताओं ने अफसरशाही और नशा तस्करों की मिलीभगत से इस गैर-कानूनी धंधे को संरक्षण दिया और पैसा बनाया। इस घृणित अपराध के दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से नशा तस्कर व पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत की रिपोर्ट उनके पास पहुंच गई है। अब राज्य सरकार पंजाब में नशा तस्करी से जुड़े नेताओं, अफसरों और नशा माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। पंजाब के नौजवानों को बर्बाद करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन रिपार्ट को पंजाब पुलिस की एक एसआईटी ने तैयार किया था।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों के दौरान फैले नशे के कारोबार ने राज्य की भावी पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है। इन पार्टियों के रसूखदार नेताओं ने अफसरशाही और नशा तस्करों की मिलीभगत से इस गैरकानूनी धंधे को संरक्षण दिया और पैसा बनाया। इस घृणित अपराध के दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा। इस मामले की जांच रिपोर्ट लंबे समय से लटक रही थी क्योंकि पिछली सरकार में से कोई भी इन ताकतों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए गंभीर नहीं था। अब उन्हें हाईकोर्ट से तीन पैकेट में रिपोर्ट हासिल हुई है तो पंजाब और यहां के नौजवानों की दुश्मन ताकतों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट ने खोली थी तीन रिपोर्ट, एक लंबित
पंजाब सरकार ने साल 2018 में नशा तस्करी से संबंधित चार रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी। हाईकोर्ट ने 28 मार्च को आदेश दिया था कि सीलबंद रिपोर्ट खोलकर कार्रवाई के लिए पंजाब सरकार को भेजा जाए। इनमें से तीन सील बंद रिपोर्ट को हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते खोलकर पंजाब सरकार को सौंप दी थी। हाईकोर्ट से सहमति मिलने के बाद अफसरों-राजनीतिज्ञों और नशा तस्करों के बीच गठजोड़ के खिलाफ सख्त कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि एक रिपोर्ट अब भी हाईकोर्ट के पास लंबित है। पूर्व डीजीपी अरोड़ा ने इस रिपोर्ट के न खोलने की गुहार लगाई थी। हाईकोर्ट ने इस संबंध में पूर्व डीजीपी व अन्य को नोटिस जारी किया हुआ है।