
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान के तहत दिल्ली मोर्चे की मांगों व अन्य किसानी मांगें संसद में उठाने में लिए भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की अध्यक्षता में पांच जिलों बठिंडा, फिरोजपुर, मानसा, मुक्तसर व फाजिल्का के हजारों किसानों, मजदूरों व महिलाओं ने सोमवार को बठिंडा से सांसद मेंबर हरसिमरत कौर बादल व फिरोजपुर से सुखबीर सिंह को बादल प्रधानमंत्री भारत सरकार नई दिल्ली के नाम गांव बादल में ज्ञापन दिए गए।
राज्य सचिव शृंगारा सिंह मान, मीत प्रधान रूप सिंह छन्ना व महिला जत्थेबंदी के नेता हरिंदर कौर बिंदू ने कहा कि एक साल से अधिक समय चले दिल्ली आंदोलन में केंद्र में सरकार ने मानी मांगे आज तक पूरी नहीं की। इसी तरह लखमीपुर घटना दौरान किसानों के कत्ल के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस केस दर्ज होने व पड़तालियां कमेटी की रिपोर्ट इसके खिलाफ आने के बावजूद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।
इस मौके जिला बठिंडा के महासचिव हरजिंदर सिंह बग्गी, मानसा के जिला नेता जगसीर सिंह दोदड़ा, मुक्तसर के प्रधान हरबंस सिंह कोटली, फाजिल्का के प्रधान गुरभेज सिंह व फिरोजपुर के प्रधान महेन्द्र सिंह ने कहा कि लोक विरोधी नीतियों के कारण भारत के 80 प्रतिशत से अधिक किसान व खेत मजदूर कर्जे में डूबकर खुदकुशियां करने के लिए मजबूर हो चुके है।
भेजे मांगपत्र में मांग की कि डॉ. स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशें के आधार पर फार्मूले के अनुसार सभी फसलों के लिए कम से कम समर्थन मूल्य की व पूर्ण खरीद की गारंटी देने वाला कानून बनाया जाए, किसानों, मजदूरों सभी कर्ज माफ किए जाए, बिजली संशोधन बिल 2020 को तुरंत वापस किया जाए। छोटे व सीमित पुरुष व महिला किसानों व खेत मजदूरों के लिए 10 हजार रुपए प्रति माह किसान पेंशन स्कीम लागू की जाए और किसानों पर दर्ज किए झूठे केसों को वापस लेने की मांग की।