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Thursday, November 13, 2025
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Amritpal Case: क्या है Habeas Corpus, जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को जारी कर दिया नोटिस, जानें

Amritpal Singh के मामले में पंजाब-हरियाणा HC ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. ये नोटिस हेबियस कॉर्पस याचिका को लेकर दिया गया है. पुलिस पर अमृतपाल को अवैध रूप से गिरफ्तार करने का आरोप लगा है.

Amritpal Singh Arrest What is Habeas Corpus on which the High Court has issued a notice to the government Amritpal Case: क्या है Habeas Corpus, जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को जारी कर दिया नोटिस, जानें

अमृतपाल सिंह (Image Source : PTI File Photo)

Habeas Corpus Writ Petition: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने रविवार (19 मार्च) को पंजाब सरकार को  को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus) पर नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता इमान सिंह खारा ने आरोप लगाया कि ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अवैध रूप से गिरफ्तार किया है और उन्हें अभी तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता ने खंडपीठ को ये भी बताया कि वो संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ और अमृतपाल सिंह का कानूनी सलाहकार है. चलिए अब आपको बताते हैं कि हेबियस कॉर्पस याचिका आखिर क्या होती है?

भारत का संविधान देश के किसी भी नागरिक को पूरी स्वतंत्रता के साथ रहने और कानून के मुताबिक जीने का अधिकार देता है, अगर किसी वजह से इनके साथ छेड़छाड़ हो तो वो व्यक्ति कानून या अदालत की मदद ले सकता है. ऐसे ही वक्त में हेबियस कॉर्पस काम आता है. हेबियस कॉर्पस लैटिन भाषा का शब्द है, इसका अर्थ होता है ‘सशरीर’, लेकिन कानूनी तौर पर इसका इस्तेमाल किसी ऐसे व्यक्ति की रिहाई के लिए किया जाता है, जिसे गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया हो या गिरफ्तार किया गया हो. हिंदी में इसे बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका कहते हैं. ये गैर-कानूनी रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्ति को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार देता है.

भारत के संविधान में इसकी क्या व्यवस्था है?

भारत के संविधान का अनुच्छेद 22 कहता है, अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है तो उसे गिरफ्तार करने की वजह बताए बिना पुलिस कस्टडी में नहीं रखा जा सकता. साथ ही उसे अपनी पसंद के वकील से सलाह लेने और अपना बचाव करने के अधिकार से भी वंचित नहीं किया जा सकता. इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है या कस्टडी में रखा गया है तो उसे गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना जरूरी है. ऐसे किसी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के प्राधिकार के बिना पुलिस कस्टडी में नहीं रखा जा सकता.

 

हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में कर सकते हैं अपील

यहां पर अगर किसी व्यक्ति को ऐसे लगता है कि उसे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया है तो वो हेबियस कॉर्पस की मदद ले सकता है. हेबियस कॉर्पस गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को या उसके परिजनों को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील करने का भी अधिकार देता है.

इस याचिका के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को कोर्ट के सामने पेश करने और उसे हिरासत में रखने की वजह की मांग की जा सकती है. यानी अगर पुलिस किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी तरीके से किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करती है या कस्टडी में रखती है तो उस व्यक्ति की ओर से हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की जा सकती है.

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