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Saturday, July 12, 2025
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नहीं थम रहा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद, उस्मानिया यूनिवर्सिटी में स्क्रीनिंग की कोशिश, BRS के छात्र संगठन के सदस्य हिरासत में

BBC Documentary Row: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को मोदी सरकार ने प्रोपेगेंडा बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, प्रतिबंध के बाद इसे कई जगह सार्वजनिक तौर पर दिखाने की कोशिश की गई है.

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डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर कई जगह विवाद की स्थिति बनी है. ( Image Source : PTI )

BBC Documentary Screening: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब हैदराबाद में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की छात्र शाखा ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.

बुधवार (1 फरवरी) को बीआरएस के छात्र संगठन के कार्यकर्ता उस्मानिया विश्वविद्यालय के आर्ट्स कॉलेज के कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने के लिए जमा हुए थे. इस दौरान सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्क्रीनिंग को रोका गया. बाद में पुलिस ने स्क्रीनिंग कर रहे छात्रों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें उस्मानिया विश्वविद्यालय पुलिस स्टेशन ले जाया गया.

डॉक्यूमेंट्री पर केंद्र ने लगाया प्रतिबंध
बीबीसी ने हाल ही में 2002 के दंगों पर प्रधानमंत्री  की भूमिका को लेकर डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी. भारत सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रोपेगेंडा बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था. इसके बाद से विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन डॉक्यूमेंट्री को प्रसारित करने की कोशिश कर चुके हैं.

हैदराबाद की घटना से पहले सोमवार को तमिलनाडु के नागपट्टिनम में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और जमकर हंगामा हुआ. इलाके में किसी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती करनी पड़ी थी.

 

बीबीसी पर उठे सवाल
डॉक्यूमेंट्री को लेकर उठे विवाद के बीच बीबीसी पर भी सवाल उठ रहे हैं. बीजेपी सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया कि बीबीसी को पैसों को बहुत जरूरत है. उन्होंने कहा कि बीबीसी को चीन से जुड़ी ह्वावे के जरिए पैसे ले रहा है. जेठमलानी ने पूछा. “बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि इसे चीन की सरकार समर्थित कंपनी ह्वावे से धन लेने के लिए इसके एजेंडे को आगे बढ़ाने की सख्त जरूरत है. यह एक सिंपल सा प्रोपेगेंडा के लिए कैश वाला सौदा है. बीबीसी बिक्री के लिए तैयार है.”

रूस ने भी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की निंदा की है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा, “यह बीबीसी द्वारा विभिन्न मोर्चों पर सूचना युद्ध छेड़ने का एक और सबूत है – न केवल रूस के खिलाफ, बल्कि सत्ता के दूसरे वैश्विक केंद्रों के खिलाफ भी जो एक स्वतंत्र नीति का अनुसरण कर रहे हैं.”

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