
एटीएम ठगी के आपने कई तरीके सुने होंगे। लेकिन चौकी कंगनवाल की पुलिस ने ऐसे तीन शातिर ठगों के गिरोह को पकड़ा है, जोकि नए तरीके से लोगों के एटीएम से ठगी कर देते थे। आरोपियों की पहचान राहुल तिवाड़ी, अजय कुमार और राहुल सिंह के रूप में हुई है। पुलिस को उनके कब्जे से 18 एटीएम कार्ड, बाइक, हेल्पलाइन नंबर लिखी पर्ची, तीन मोबाइल, कपड़े और जूते बरामद हुए हैं। फिलहाल उन्हें कोर्ट में पेश कर पुलिस ने दो दिन के रिमांड पर लिया है। इस संबंध एसएचओ साहनेवाल इंदरजीत सिंह और चौकी कंगनवाल इंचार्ज राजवंत सिंह ने प्रेस काॅन्फ्रेंस की।
पैसे निकलवाने गए वर्कर का कार्ड फंसा
शिकायतकर्ता नंद लाल ने 11 अप्रैल को चौकी कंगनवाल को शिकायत दी थी। उसने कहा कि वो एटीएम से पैसे निकालने गया था। पैसे निकालने के बाद कार्ड मशीन में फंस गया। तभी मदद करने के बहाने आरोपी ने कस्टमर केयर के नंबर वाली पर्ची थमा दी। उस नंबर पर फोन किया तो सामने वाले शख्स ने उन्हें सुबह एटीएम लेने के लिए कहा। इतने में रात तक पीड़ित के खाते से 87 हजार निकाल लिए। पुलिस 6 दिन आरोपियों को तलाशती रही। सीसीटीवी की मदद से आरोपियों को काबू कर लिया।
ऐसे करते थे ठगी : कार्ड फंसने पर दो-तीन बार पिन नंबर डालने को बोलते और नोट कर लेते नंबर
तीनों आरोपी 10वीं पास हैं। तीनों नशा करने के आदी हैं। उन्होंने यू-ट्यूब से एटीएम से ठगी का तरीका सीखा था। जिसमें एक ठग एटीएम मशीन के अंदर खड़ा हो जाता था, दूसरा बाहर और तीसरा कहीं दूर खड़ा हो जाता था। बाहर खड़ा दूसरे नंबर वाला शख्स पहले नंबर वाले को फोन कर पहले ही बता देता था कि एटीएम इस्तेमाल करने के लिए कोई आ रहा है। तभी अंदर खड़ा ठग एटीएम कार्ड डालने वाली जगह में क्विकफिक डाल देता था। जब शख्स एटीएम कार्ड मशीन में डालता तो एटीएम फंस जाता था।
आरोपियों द्वारा एक पर्ची पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर लिखा होता था, उक्त फोन नंबर तीसरे शख्स के पास होता था। पहले नंबर वाला एटीएम फंसने वाले पीड़ित को वो नंबर दे देता था। जिसके बाद तीसरे नंबर वाला ठग कस्टमर केयर एजेंट बनकर उन्हें दो तीन बार पासवर्ड भरने के लिए के लिए कहता है। जब पीड़ित पासवर्ड भरता था, तब तक पहले नंबर वाला ठग पासवर्ड नोट कर लेता था।
पीड़ित का कार्ड नहीं निकलता तो कस्टमर केयर वाला ठग कहता है कि कल बैंक आकर नशा कार्ड ले लेना, हम इसे ब्लाॅक कर रहे हैं। जैसे ही पीड़ित एटीएम से निकलता था तो आरोपी प्लास की मदद से खींचकर कार्ड बाहर निकाल लेते थे और किसी दूसरे एटीएम पर जाकर पासवर्ड भरकर पैसे निकाल लेते थे।
फैक्टरी वर्करों को ठगते
आरोपियों ने कबूला कि वो फैक्टरी वर्करों और मजदूरों को शिकार बनाते थे। उन्होंने दो दर्जन के करीब वारदातें की हैं। इस तरह से वो लाखों रुपए ट्रांसफर करवा चुके हैं। उससे वो नशा करते थे और नए कपड़े ले लेते थे। इसके अलावा आरोपियों ने कबूला है कि वो कई बाइक भी चोरी कर चुके हैं। इसके बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।

