
हिन्दू नेता को अवैध हिरासत में रखकर मारपीट के मामले की सुनवाई करते हुए पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने लुधियाना पुलिस से 28 दिन में जवाब मांगा है। श्री हिन्दू तख्त के उप-प्रचारक ऋषभ कनौजिया का आरोप है कि एक डीआईजी रैंक के अधिकारी के खिलाफ शिकायत करने पर लुधियाना पुलिस के अधिकारियों ने उसे प्रताड़ित किया है।
हाईकोर्ट ने पुलिस को 28 दिनों के भीतर संबंधित अधिकारियों के सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन की घटना के समय की लोकेशन के साथ जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। शिकायतकर्ता ऋषभ कनौजिया ने कहा कि 19 जनवरी को एक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रैंक के अधिकारी ने उसे मिलने के लिए जालंधर बाइपास बुलाया था। एसीपी ने उन्हें एक कार में बैठाया और पंजाब पुलिस अकादमी (पीपीए) फिल्लौर ले गए। सलेम तबरी थाने के आधिकारिक वाहन में कम से कम छह पुलिसकर्मी उनके साथ थे।
कमरे में ले जाकर की पिटाई
कनौजिया ने कहा कि पीपीए पहुंचने के बाद एक उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रेंक का अधिकारी, जिसके खिलाफ वह शिकायत कर रहा था, उसे एक कमरे में ले गया। अधिकारी ने उसकी अवैध हिरासत में पिटाई की और शिकायत वापस लेने की धमकी दी, जो उसने उसके खिलाफ दायर की थी। अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी से माफी मांगी।
इंसाफ के लिए पहुंचा हाईकोर्ट
कनौजिया ने कहा कि इसके बाद 2 मार्च को उसने इस घटना के बारे पुलिस कमिश्नर को एक और शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद वह इंसाफ लेने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा। कनौजिया मुताबिक हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी किया और संबंधित अधिकारियों के सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन के स्थानों के साथ जवाब देने का आदेश दिया है।
हौजरी के मालिक कनौजिया के अनुसार उन्होंने तीन अन्य लोगों के साथ पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ 16 जून, 2022 को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरना दिया था। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध करने के आरोप में फंसाया था। हालांकि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन के जवाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जवाब दिया था कि 15 जून से 17 जून, 2022 तक उनके द्वारा कोई सड़क अवरुद्ध नहीं की गई थी।
अधिकारियों ने पाली रंजिश: कनौजिया
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके कारण कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके खिलाफ रंजिश पाल रखी थी और उन्हें कई मामलों में फंसाने की धमकी दी थी। उसने अधिकारियों के खिलाफ धमकी देने की कई शिकायतें कीं।

