
पंजाब में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीदे जाने वाले कंटेनरों की खरीद-फरोख्त में करीब 2.5 करोड़ रुपए के घोटाले की बात सामने आई है। मामले का खुलासा महालेखाकार पंजाब (ऑडिट) की जांच में हुआ है।
ऑडिट में 10 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा किए गए खर्च के रिकॉर्ड की जांच की गई। मिली शिकायतों के आधार पर उच्च स्तरीय जांच भी शुरू हो गई है। जांच की जिम्मेदारी विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी जा रही है।
जानकारी के अनुसार प्रदेश में स्थित 27 हजार 232 आंगनबाड़ी सेंटरोें में बच्चोें को दिए जाने वाले अनाज को स्टोर करने के लिए कंटेनरों की खरीद से लेकर उसके साइज व क्वालिटी में गड़बड़ी पाई गई है। 100 किलो की क्षमता के बजाय 70 किलो की कैपिसिटी वाले कंटेनर मिलीभगत से खरीदे गए। विजिलेंस की जांच में विभाग के आला अफसरोें व डीलिंग करने वाले संबंधित प्रोजेक्ट के अधिकारियोें पर शिकंजा कसा जाएगा।
महालेखाकार पंजाब की ऑडिट में हुआ खुलासा
महालेखाकार पंजाब (ऑडिट) ने 10 जिलों की सूची जारी करते हुए बताया कि सप्लीमेंटरी न्यूट्रिशन प्रोग्राम (एसएनपी) के तहत 2014-15 और 2017-18 के दौरान कंटेनर खरीदे गए, जिसमंे साइज और क्वालिटी से समझौता किया गया है। प्रदेश में कुल 27, 232 आगनबाड़ी केंद्र हैं। प्रत्येक केंद्र के लिए 3-3 कंटेनर खरीदे गए थे।
कम क्षमता वाले और घटिया क्वालिटी के कंटेनर खरीदे
कंटनेरोें की खरीद नियमों के अनुसार नहीं की गई। नियामनुसार आंगनबाड़ी में अनाज, चावल, चीनी या दाल की स्टोरेज के लिए 100-100 किलो के कंटेनर खरीद जाने थे, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने 100 किलो के बजाय 60 से 70 किलो के ही कंटनेर खरीदे। यही नहीं, कंटेनर का मटेरियल भी कमजोर थे, जो जल्द टूटने शुरू हो गए और अब विभाग को इनकी दोबारा खरीद करनी पड़ रही है।
जिस कंपनी से खरीद की गई उसमें भी कमीशन का खेल
केंद्र सरकार की योजना के अनुसार 6 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण के लिए गेहूं, दाल और चावल व आंगनवाड़ी में आने वाले बच्चों को समय-समय पर वितरण किया जाता है। इनकी स्टोरेज के लिए ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए कंटेनर खरीदे गए थे, जिनमें बड़े स्तर पर कमीशनबाजी का खेल खेला गया है।
मामला गंभीर, आरोपी अफसरों को बख्शेंगे नहीं
मामला गंभीर है। प्राथमिक स्तर पर बच्चों के अनाज स्टोरेज के लिए खरीदे गए कंटेनर में भारी अनियमितताओं की रिपोर्ट मेरे पास आई है। विजिलेंस ब्यूरो से इसकी गहनता से जांच कराई जाएगी। आरोपी अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।’- डॉ. बलजीत कौर, (महिला एवं बाल विकास मंत्री, पंजाब)
}2.5 करोड़ रुपए की हुई कुल खरीद-फरोख्त : भास्कर के हाथ लगी ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 2014-15 और 2017-18 के दौरान कुल 2.5 करोड़ रुपए की खरीद की गई, लेकिन तब से लेकर अब तक अधिकारियों की मिलीभगत से यह मामला दबा रहा। आला अफसरोें ने भारी गड़बड़ी सामने आने के बावजूद कार्रवाई करने के बजाय मामले को दबाया जाना ही बेहतर समझा।