
जब मेरा जन्म हुआ तब परिवार वाले खुश थे, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ शरीर में बदलाव आने पर धीरे-धीरे मेरे परिवार वालों ने मुझसे किनारा कर लिया। वो समय मेरे के लिए मुश्किल और चुनौतियों भरा था। ये कहानी लुधियाना की रहने वाली मोहिनी महंत की है।
बचपन से ही मोहिनी ने पहले खुद को संभाला और अब अपने जैसे किन्नरों को पैरों पर खड़ा करने के लिए मुहिम चला रही हैं। उन्होंने किन्नरों को अपने पैरों पर खड़ा करने के सिलाई, एंब्रोयडरी-ब्यूटी पार्लर का कोर्स निशुल्क शुरू किया। इसी का नतीजा है कि उनके सिखाए पांच किन्नरों ने चंडीगढ़ में अपना कारोबार कर रहे हैं। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेज्युएट, सोशल वर्क में मास्टर डिग्री कर चुकीं मोहिनी अब पीएचडी कर रही हैं।
7वीं क्लास में लड़के करते थे परेशान, मजबूरन किन्नर समाज में हुई शामिल, 2012 में बनाई सोसायटी
मैं जब 13 साल की थी तो लुधियाना आ गई थी। मेरा जन्म राजस्थान में झुंझुनूं गांव में हुआ। मेरे शरीर में कुछ बदलाव आने लगे थे। जल्द ही परिवार वालों को पता चल गया कि मैं किन्नर हूं। जब मैं 7वीं क्लास में थी तो लड़के परेशान करते थे।
मजबूरन किन्नर समाज में शामिल होना पड़ा। इसके बाद मैं अन्य किन्नरों की आवाज बनीं। मकिन्नरों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत कोर्स शुरू करने के लिए मैंने 2012 में मनसा फाउंडेशन सोसायटी का गठन किया।
अपने घर में ही किन्नरों को रहने के लिए जगह दी। फिर घर के पास ही यशस्वी कॉलोनी में सूट की सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर और एंब्रॉयड्री का ट्रेनर के माध्यम से निशुल्क प्रशिक्षण देना शुरू किया। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त किन्नरों ने चंडीगढ़ में पांच जगहों पर बड़े-बड़े ब्यूटी पार्लर खोले हैं। अगर सरकार इसके लिए अलग से फंड जारी कर दे तो किन्नरों को और बेहतर तरीके से प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।
-जैसा मोहिनी महंत ने बताया
दर्द : किन्नरों को कोई नौकरी तक नहीं देता
उन्होंनेे बताया कि वह अपना पेट पालने के साथ पढ़ाई भी करती थी। हायर सेकेंडरी करने के बाद डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए बीए, एमए की पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि डिग्रियां लेने के बाद लगा कि अब उन्हें नौकरी मिल जाएगी लेकिन इंटरव्यू में सेलेक्ट होने के बावजूद भी किन्नर को कोई नौकरी देने को तैयार नहीं था।
मांग: हर इंडस्ट्री में 2 किन्नरों को नौकरी मिले
उन्होंनेे बताया कि जिले में तीन हजार किन्नर हैं। रिजर्वेशन होने के बाद उन्हें नौकरियां नहीं मिलती है। लुधियाना इंडस्ट्री हब है लेकिन किसी भी इंडस्ट्री संचालकों ने किन्नरों के लिए नहीं सोचा। अगर दो किन्नरों को एक उद्योग में नौकरी मिले तो स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा। पंजाब में भी ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन सेल बने। इसके लिए डिप्टी कमिश्नर को पत्राचार किया है।