
पंजाब में जालंधर लोकसभा उपचुनाव के दौरान पंजाब के शिक्षा विभाग में ठेके पर काम कर रहे कर्मचारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं। कर्मचारी उन्हें अभी तक रेगुलर नियुक्ति का लैटर न मिलने और एक ही विभाग में एक ही पद पर काम कर रहे कर्मचारियों को अलग-अलग वेतन दिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
सर्व शिक्षा अभियान-रमसा नान टीचिंग स्टाफ यूनियन और मिड डे मील दफ्तरी कर्मचारी यूनियन जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के दानिशमंदा में रोष रैली निकालेंगी। इसके बाद जालंधर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा उपचुनाव में उम्मीदवार पूर्व विधायक सुशील रिंकू के घर के बाहर धरना लगाएंगे।
सरकार के सारे दावे हवा हवाई
कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ सरकार कॉन्फ्रेंस करके कह रही है कि उन्होंने कच्चे कर्मचारियों की रेगुलर कर दिया है। लेकिन वह उन लिस्टों को सार्वजनिक करे जिन्हें रेगुलर किया है। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य में ठेके पर काम करने वाला एक भी कर्मचारी अभी तक रेगुलर नहीं हुआ है। सारे दावे हवा हवाई हैं।
प्रोसेस पूरा होने के बावजूद नहीं मिले रेगुलर नियुक्ति के पत्र
सर्व शिक्षा अभियान नान टीचिंग, टीचिंग और मिड-डे मील कर्मचारी यूनियन का कहना है कि ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को रेगुलर करने का प्रोसेस पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक उन्हें रेगुलर नियुक्ति के पत्र नहीं मिले हैं।
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार ने पिछले साल अक्टूबर महीने में नई बनाई गई रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा विभाग के पोर्टल पर सभी कर्मचारियों से फार्म भरवा कर सहमति ली थी। इसके बाद सरकार ने आदेश दिए कि दस्तावेज सत्यापित किए जाएं, वह भी हो गए। लेकिन फिर भी उन्हें रेगुलर नहीं किया गया।
एक ही विभाग में दो-दो नियम
कर्मचारियों का कहना है कि शिक्षा विभाग में वेतन को लेकर अलग-अलग नियम हैं। शिक्षा विभाग में ठेके पर काम कर रहे लेखाकार एक चैनल से, एक समान पद पर, एक ही विभाग में नौकरी करने के बावजूद अलग-अलग वेतन ले रहे हैं। जिला मुख्यालय और ब्लाक स्तर पर काम करने वाले लेखाकारों के वेतन में 5 हजार का अंतर है।
जिला मुख्यालय पर काम कर रहे लेखाकारों को 5 हजार रुपए वेतन ज्यादा मिल रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि हैरानी की बात यह है कि जिला मुख्यालय पर काम करने वाले और ब्लाक स्तर पर काम करने वाले लेखाकारों को अलग-अलग से हैड से वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वेतन विसंगति को दूर करने के लिए वह मुख्यमंत्री से लेकर डीजीएसई तक कई बार बैठकें कर चुके हैं लेकिन अभी तक यह विसंगति दूर नहीं हुई है।