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Friday, July 4, 2025
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बॉडीगार्ड के साथ घर पर थीं अफगान की पूर्व सांसद नबीजादा, हमलावरों ने गोलियों से भूना, गुटेरेस ने की जांच की मांग

Mursal Nabizada: नबीजादा अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत की रहने वाली थीं, वह 2018 में राजधानी काबुल से सांसद चुनी गई थीं.

Former Afghan MP Mursal Nabizada killed in kabul Antonio Guterres demands investigation बॉडीगार्ड के साथ घर पर थीं अफगान की पूर्व सांसद नबीजादा, हमलावरों ने गोलियों से भूना, गुटेरेस ने की जांच की मांग

पूर्व अफगान सांसद मुर्सल नबीजादा

Mursal Nabizada: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा की हत्या की जांच की मांग की. मुर्सल नबीजादा की रविवार को काबुल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सोमवार को न्यूयॉर्क में एक प्रेस ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की सहयोगी प्रवक्ता स्टेफनी ट्रेमब्ले ने कहा, “मैं आपको बता सकती हूं कि महासचिव गुटेरेस अफगानिस्तान संसद की पूर्व सदस्य और उनके बॉडीगार्ड की हत्या से सदमे में हैं. उनकी हत्या कल काबुल में हुई थी.”

एंटोनियो गुटेरेस ने मुर्सल नबीजादा के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. ट्रेमब्ले ने बताया, “महासचिव ने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए इसमें एक त्वरित, संपूर्ण और पारदर्शी जांच करने की मांग की है.”

बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या 
अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा और उनके एक बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. काबुल पुलिस के अनुसार, मुर्सल नबीजादा काबुल में अपने घर पर थीं, तभी रात के समय अज्ञात हमलावरों ने उनपर हमला कर दिया. मुर्सल अमेरिका समर्थित सरकार में सांसद थीं. तालिबान ने एक लंबे संघर्ष के बाद अगस्त 2021 में गनी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था.

नबीजादा का भाई भी घायल
काबुल पुलिस के प्रवक्ता जारदान के मुताबिक, अभी तक हमलावरों की पहचान नहीं हो पाई है और हत्या के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं हैं. हमले के दौरान नबीजादा का भाई भी घायल हो गया था. हालांकि, उनके परिवार ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है. 32 साल की मुर्सल नबीजादा, उन कुछ महिला सांसदों में से थीं, जो तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी अफगानिस्तान में ही रहीं.

नबीजादा अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत की रहने वाली थीं, वो 2018 में राजधानी काबुल से सांसद चुनी गई थीं. अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज के देश में रहने के दौरान महिलाएं कई प्रमुख पदों पर पहुंच गई थीं. महिलाएं जज, पत्रकार और राजनेता तक बनीं, लेकिन तालिबान के सत्ता में आने के बाद कई महिलाएं देश छोड़कर चली गईं.

इसके अलावा तालिबान ने अफगान महिलाओं पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसमें लड़कियों के विश्वविद्यालय में पढ़ाई पर प्रतिबंध तक शामिल है.

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