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Wednesday, July 30, 2025
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Frost Effect: आलू के बाद पाले की चपेट में बैंगन, मटर, टमाटर, किसान भाई फटाफट बचाव के लिए ये इंतजाम कर लें

देश के कई हिस्सों में पाला अभी भी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. हरियाणा के कई जिलों में मटर, टमाटर, बैंगन व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है. कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी है.

frost effect in Haryana Brinjal, peas, tomato crops have been damaged Frost Effect: आलू के बाद पाले की चपेट में बैंगन, मटर, टमाटर, किसान भाई फटाफट बचाव के लिए ये इंतजाम कर लें

हरियाणा में पाले से बैंगन, मटर, टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है (Photo Source: Google)

Frost Effect In Haryana: देश में कई हिस्सों में अभी भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. हालांकि कुछ राज्यों में पिछले कुछ दिनों से मौसम में नरमी जरूर देखने को मिली है. विशेषज्ञों का कहना है कि अभी जनवरी का महीना है. किसान भाई बिल्कुल ये न सोचें कि सर्दी गुजर गई हैं. फसलों के बचाव के लिए अलर्ट रहें. जरूरी इंतजाम करते रहें. वहीं, जिन राज्यों में पाले का असर अभी भी है. वहां फसलों पर इसका साफ प्रभाव देखने को मिल रहा है. पाले की चपेट में आकर फसलों ने दम तोड़ना शुरू कर दिया है.

हरियाणा में टमाटर, बैंगन, मटर को नुकसान
हरियाणा के रोहतक में लगातार पड़ रहे पाले का असर फसलों पर देखने को मिल रहा है. अकेले कनीना में ही करीब 52 एकड़ में उगाई की टमाटर की फसल को 60 से 90 प्रतिशत तक नुकसान होने की संभावना जताई गई है. यहां 15 से 18 जनवरी तक भयंकर पाला पड़ा है. इसका असर अब आलू, मटर, टमाटर, बैंगन और बेल वाली सब्जियों पर दिख रहा है. ये सब्जियां धीरे धीरे सूख रही हैं. इसके अलावा हिसार में आलू, टमाटर, मटर की करीब 300 एकड़ फसल पाले से प्रभावित हुई है. किसानों से राज्य सरकार से राहत की मांग की है. किसानों का कहना है कि पाले के चलते मटर व टमाटर की फसल का विकास रूक गया है. इससे टमाटर की फसल की पैदावार में भारी गिरावट आएगी.

बस गेहूं की फसल को ही फायदा
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक सर्दी का लाभ आमतौर पर गेहूं की फसल को ही होता है. इस मौसम में गेहूं की फसल तेजी से विकसित होती है. वहीं, सर्दी सामान्य है तो यह सरसों, मटर, टमाटर, आलू समेत सभी के लिए फायदेमंद साबित होती हैं. इस मौस में बंपर पैदावार हो जाती है. लेकिन पाला जब अधिक पड़ता है तो सब्जी, बागवानी फसलों को अधिक नुकसान होता है.

किसान ऐसे करें बचाव
पाले से फसलों को बाचव के लिए लो टनल, शेड नेट, सरकंडे का उपयोग कर सकते हैं. फसलों व सब्जियों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए. खेत के उत्तर-पश्चिम किनारे पर रात्रि में धुआं कर दें. सांद्र गंधक का अम्ल 0.1 प्रतिशत यानि 1 मिलीलीटर 1 लीटर पानी में, इसके अलावा घुलन-शील गंधक 0.2 प्रतिशत 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में या फिर थायो यूरिया 500 पीपीएम 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में का घोल बनाकर छिड़काव करें. यदि पाला अधिक समय तक है तो छिड़काव हर 15 दिन में कर देना चाहिए.

 

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