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Thursday, June 12, 2025
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Fuel Sale Data: फरवरी की रिकॉर्ड तेजी के बाद मार्च में क्यों गिर रही ईंधन की बिक्री? मौसम से है ये कनेक्शन

Fuel Sale Falling: मार्च महीने के दौरान देश में ईंधन की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. इससे पहले फरवरी महीने के दौरान ईंधन की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बना दिया था.

Fuel Sale Falling in march after record uptick in previous months due to lower demand Fuel Sale Data: फरवरी की रिकॉर्ड तेजी के बाद मार्च में क्यों गिर रही ईंधन की बिक्री? मौसम से है ये कनेक्शन

ईंधन की खपत का ट्रेंड ( Image Source : Getty )

Fuel Demand: भारत में डीजल और पेट्रोल जैसे ईंधनों की बड़े पैमाने पर खपत (Diesel Petrol Consumption) होती है. अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार के साथ इनका खपत भी बढ़ता जा रहा है. यही कारण है कि पिछले महीने देश में डीजल और पेट्रोल की बिक्री (Diesel Petrol Sale) का नया रिकॉर्ड बन गया. हालांकि मार्च महीने के दौरान ईंधन की मांग (Fuel Demand) में गिरावट देखी जा रही है.

इतनी कम हुई पेट्रोल की डिमांड

इंडस्ट्री के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, मार्च के पहले दो सप्ताह के दौरान ईंधन की बिक्री में गिरावट आई है. इस दौरान 1.22 मिलियन टन पेट्रोल की बिक्री हुई, जो साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 1.4 फीसदी कम है. मासिक आधार पर देखें तो मार्च के पहले दो सप्ताह के दौरान पेट्रोल की बिक्री 0.50 फीसदी कम हुई है.

डीजल की मांग में भी गिरावट

बात अगर देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की करें, तो इसकी मांग भी कम हुई है. 01 मार्च से 15 मार्च के दौरान देश में डीजल की मांग 10.2 फीसदी कम होकर 3.18 मिलियन टन पर आ गई. साल भर पहले की समान अवधि में देश में 3.54 मिलियन टन डीजल की खपत हुई थी. मासिक आधार पर डीजल की डिमांड में इस दौरान 4.6 फीसदी की गिरावट आई है.

फरवरी में आई इतनी तेजी

इससे पहले फरवरी के आंकड़े को देखें तो पहले दो सप्ताह के दौरान पेट्रोल की खपत में सालाना आधार पर करीब 18 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. वहीं इस दौरान डीजल की बिक्री में करीब 25 फीसदी की तेजी देखी गई थी.

ये कारण रहे जिम्मेदार

फरवरी महीने के दौरान कृषि क्षेत्र से ईंधन की मजबूत डिमांड आई थी. इसके अलावा सर्दियों की सुस्ती के बाद ट्रांसपोर्ट सेक्टर में गतिविधियां तेज होने से भी ईंधन की खपत को बढ़ने में मदद मिली थी. बात मार्च महीने की करें तो तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ इस महीने के दौरान हर साल ईंधन यानी डीजल-पेट्रोल की डिमांड में कमी आती है.

फरवरी महीने के दौरान विमानन सेक्टर में तेजी लौटने से भी ईंधन की डिमांड बढ़ी. भारत का विमानन सेक्टर कोरोना महामारी के असर से तेजी से उबर रहा है. घरेलू विमानन क्षेत्र कोविड महामारी से पहले के स्तर को पा चुका है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र में अभी भी सुधार की गुंजाइश है.

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