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Thursday, July 17, 2025
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गुजरात विधानसभा चुनाव : एग्जिट पोल में सरकार भले ही बनाए बीजेपी, लेकिन अच्छे संकेत भी नहीं?

एबीपी सी-वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार राज्य में बीजेपी को 49 प्रतिशत वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस को 33 फीसदी और आम आदमी पार्टी को 15 प्रतिशत वोट मिले हैं.

Gujarat Assembly Elections 2022 BJP may form the government but not a good sign abpp गुजरात विधानसभा चुनाव : एग्जिट पोल में सरकार भले ही बनाए बीजेपी, लेकिन अच्छे संकेत भी नहीं?

एग्जिट पोल में ‘आप’ को गुजरात में 15 फीसदी वोट मिल रहे हैं (फाइल फोटो)

गुजरात में कल यानी 5 दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान संपन्न होने के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग पूरी हो गई. एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने की संभावना है. गुजरात-हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव और 5 राज्यों की 7 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे.

एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात विधानसभा की 182 सीट पर भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए एक बार फिर से तैयार है. हालांकि पार्टी भले ही सरकार बनाने में कामयाब होती नजर आ रही है लेकिन पहली बार गुजरात के चुनावी मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

एग्जिट पोल के मुताबिक आप इस राज्य में बीजेपी को भले ही मात नहीं दे सकी, लेकिन कांग्रेस का वोट काटकर विपक्षी पार्टी के रूप में अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने में सफल होती दिख रही है और यह बीजेपी-कांग्रेस दोनों के लिए अच्छे संकेत नहीं है.

आम आदमी पार्टी ने कितना नुकसान किया? 

एबीपी सी-वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप पार्टी को गुजरात में 15 प्रतिशत वोट मिल सकता है. पार्टी अगर 15 प्रतिशत वोट अपने नाम करती है तो इसमें 10 फीसदी कांग्रेस के वोटर और साढ़े 3 प्रतिशत बीजेपी के वोटर आम आदमी पार्टी के पाले में चले गए. एग्जिट पोल के अनुसार आप को अगर सिंगल डिजिट में भी सीटें मिलती हैं तो इसका मतलब होगा कि आप पार्टी बीजेपी के गढ़ में पहली बार सेंध लगा रही है.

अब केवल कांग्रेस ही नहीं है प्रतिद्वंदी

एबीपी सी-वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार राज्य में बीजेपी को 49 प्रतिशत वोट मिले हैं, वहीं कांग्रेस को 33 फीसदी और आम आदमी पार्टी को 15 प्रतिशत वोट मिले हैं. वहीं अन्य को 3 फीसदी वोट शेयर मिल रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं, जो इस बार 16-30 सीटों पर सिमटती दिख रही है. जिसका मतलब है कि कांग्रेस के वोटरों ने इस बार आम आदमी पार्टी को वोट दिया है.

गुजरात में 15 फीसदी वोट अगर केजरीवाल की पार्टी को मिलते हैं तो गुजरात अपनी चुनावी राजनीति में बदलाव के मुहाने पर खड़ा हो जाएगा, आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में उतरने के चलते मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है जैसा कि साल 1990 में हुआ था.

दरअसल साल 1990 में जब जनता दल चुनावी मैदान में उतरी थी तो कांग्रेस के वोट शेयर में बड़ा बट्टा लगा था. परिणामस्वरूप बीजेपी का उदय हुआ. इसके बाद तो 27 सालों से कांग्रेस एक बार फिर से इस राज्य की सत्ता में आने की कोशिश कर रही है.

ऐसे में अगर आम आदमी पार्टी इस बार के परिणाम के दौरान अपनी पैठ बनाने में कामयाब होती है तो राज्य में एक तीसरा मोर्चा आ जाएगा जिसकी अब तक राज्य की राजनीति में जड़ें नहीं जमी थीं और ऐसा होना पार्टी और गुजरात की चुनावी राजनीति के लिए ऐतिहासिक हो सकता है.

कांग्रेस और बीजेपी वोटर पर सेंधमारी

कांग्रेस के लिए एग्जिट पोल इस पार्टी के कई सालों से चले आ रहे हालात को दिखाता है. चुनाव प्रचार के दौरान ही कांग्रेस बीजेपी से मुकाबला करने का भी दम भरते नजर नहीं आ रही थी. पार्टी ये मानकर चलती है कि उन्हें गरीब और वंचित वर्गों की तरफ से वोट मिल जाएगा.

वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी शुरुआत से ही राज्य में कांग्रेस की जगह लेने और सियासी विकल्प बनने की पूरी कोशिश कर रही है. आप ने चुनाव प्रचार के दौरान भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और केजरीवाल लगातार जनता से बातचीत करने गुजरात पहुंच रहे थे. केजरीवाल ने दिल्ली और पंजाब की तरह ही मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा जैसे चुनावी वादे किए हैं.

आम आदमी पार्टी क्यों बीजेपी के लिए खतरे की घंटी?

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने अब तक कांग्रेस से दिल्ली और पंजाब छीन लिया है. अब गुजरात चुनाव में भी कांग्रेस की जगह लेने के लिए तैयार है. पंजाब में मिली बड़ी जीत के बाद से ही यह पार्टी लगातार गुजरात पर फोकस कर रही है. इस चुनाव में आप के पास खोने के लिए कुछ नहीं है इसलिए पार्टी ने अपने अभियान में उतना ही प्रयास किया जितना कि बीजेपी ने किया. गुजरात की सियासत में काफी लंबे समय के बाद कोई पार्टी तीसरी ताकत के तौर पर उभर रही है और ऐसा होना बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है.

पंजाब फॉर्मूले पर चल रही आप   

आम आदमी पार्टी ने गुजरात में पंजाब की तरह ही दस्तक दी है. इस पार्टी ने पंजाब में 2017 में चुनाव लड़ा था और अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए मुख्य विपक्षी दल बनकर उभरा था. इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर सत्ता पर काबिज हो गई. इसी फॉर्मूले के साथ ये पार्टी गुजरात में भी मुख्य विपक्षी दल बनने को तैयार है. ऐसे में पार्टी को अगले चुनाव तक खुद को मजबूत करने का मौका मिल जाएगा.

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