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Friday, August 1, 2025
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बच्चों में कम उम्र में ल्यूकेमिया का पता कैसे लगाएं? क्या इसका इलाज संभव है

असामान्य रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने और सामान्य रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बहाल करने के लिए ल्यूकेमिया का कीमोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है.

How to detect leukemia at an early age in children is it curable बच्चों में कम उम्र में ल्यूकेमिया का पता कैसे लगाएं? क्या इसका इलाज संभव है

बच्चों में ल्यूकेमिया ( Image Source : Freepik )

Leukaemia In Children: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, भारत में हर साल 75,000 से अधिक बच्चों में कैंसर का डायग्नोसिस किया जाता है. बच्चों में कैंसर के सबसे आम प्रकार ल्यूकेमिया, ब्रेन कैंसर, लिम्फोमा और सॉलिड ट्यूमर जैसे न्यूरोब्लास्टोमा और विल्म्स ट्यूमर हैं.1-4 वर्ष की आयु के बच्चों में ल्यूकेमिया काफी आम है. ल्यूकेमिया बोन मौरो और लसीका प्रणाली के साथ-साथ शरीर के रक्त बनाने वाले ऊतकों का एक कैंसर है, जो आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है.ल्यूकेमिया को हम ब्लड कैंसर के नाम से जाना जाता है

कब होता है ल्यूकेमिया ?

“ल्यूकेमिया तब होता है जब बोन मैरो में एक कोशिका का डीएनए बदलने लगता है और जिस तरह से इसकी आवश्यकता होती है उसे विकसित करने और कार्य करने में विफल रहता है. इससे असामान्य रक्त कोशिकाओं का तेजी से और अनियंत्रित विकास होता है.ये वृद्धि बोन मैरो को प्रभावित करती है, जहां शरीर का अधिकांश रक्त तैयार होता है. इस प्रकार के कैंसर के विकास में योगदान देने वाले कुछ संभावित जोखिम कारकों में रेडियेशन और रसायनों और यहां तक ​​​​कि आनुवंशिक मुद्दे भी हैं. हालांकि ल्यूकेमिया का कारण ज्ञात नहीं है, यह सभी कैंसर के सबसे इलाज योग्य यदि ठीक से इलाज किया जाता है.आमतौर पर, असामान्य रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने और सामान्य रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बहाल करने के लिए ल्यूकेमिया का कीमोथेरेपी के साथ इलाज किया जाता है.यदि बच्चे का बोन मैरो कीमोथेरेपी से क्षतिग्रस्त हो जाता है तो बोन मैरो ट्रांस्पलांट  भी आवश्यक हो सकता है.

हमारे खून में रेड ब्लड सेल व्हाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स होते हैं, जो बोन मैरो बनाते हैं. बोन मैरो हड्डियों के बीच बनी कैविटीज में पाए जाने वाला नरम और स्पंजी टिशु होता है.रेड ब्लड सेल ऑक्सीजन और अन्य सामग्रियों को शरीर के टिशू तक पहुंचाते हैं. वाइट ब्लड सेल संक्रमण से लड़ते हैं और प्लेटलेट खून को जमाने में और गाढ़ा करने में मदद करते हैं. बोन मैरो में रोज सैकड़ों अरबो नए ब्लड सेल बनते हैं, जिससे हमारे शरीर को लगातार नए और स्वस्थ शरीर की आपूर्ति होती है. वही ल्यूकेमिया में किसी ट्यूमर का निर्माण नहीं होता बल्कि व्हाइट ब्लड सेल का अत्यधिक निर्माण करता है, जिससे अन्य बल्ड सेल के बनने में रुकावट पैदा होने लगती है

अर्ली स्टेज में ल्यूकेमिया का पता कैसे लगाएं?

“थकान, बुखार, रात को पसीना, संक्रमण, सांस लेने में असमर्थता, पीली त्वचा, अनजाने में वजन कम होना, हड्डी / जोड़ों में दर्द या कोमलता, बाईं ओर पसलियों में दर्द, गर्दन, अंडरआर्म, कमर या पेट में लिम्फ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण लीवर का बढ़ना, चोट लगना और खून बहना आदि देखा जा सकता है.इन ल्यूकेमिया को जल्दी खोजने का सबसे अच्छा तरीका संभावित लक्षणों पर “ध्यान देना” है. शुरुआती अवस्था में बच्चों में ल्यूकेमिया देखने के लिए किए जाने वाले पहले टेस्ट ब्लड टेस्ट होते हैं.

 

क्या है इसका ट्रीटमेंटट

बचपन के कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी, रेडियेशन ट्रीटमेंट, सर्जरी या बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के संयोजन से किया जाता है.बचपन के कैंसर का निदान और इलाज किया जा सकता है.

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