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Thursday, November 13, 2025
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इंडस्ट्री एसोसिएशन की बैठक:इंडस्ट्री जोन में सीवरेज, सड़क और रोशनी के लिए अलग से फंड तैयार करे सरकार, कारोबारियों को करे प्रोत्साहित

जालंधर की इंजीनियरिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन की बैठक कारोबारियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि जो कारखाने जालंधर शहर की हदों पर विकसित हुए हैं, इनमें सड़क, सीवरेज, हरियाली और रोशनी के प्रबंध किए जाएं। इंडस्ट्री संचालक बिजली बिल के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर शुल्क देते हैं।

लेकिन इसके बदले में इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की सुविधा नहीं मिल रही है। जालंधर शहर में गोदईपुर से सटे राजा गार्डन में सीवरेज के पाइप रोजाना ब्लॉक रहते हैं, सर की कच्ची है और रोशनी का प्रबंध पूरा नहीं है। इस कारण इंडस्ट्री की ग्रोथ में परेशानी पैदा हुई है।

इस कारोबारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि बिजली पर जो इंफ्रास्ट्रक्चर शुल्क लिया जाता है उसमें से एक फंड स्थापित किया जाना चाहिए जोकि इंडस्ट्री के जोन में सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए खर्च हो।

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट गुरचरण सिंह ने कहा कि फोकल प्वाइंट की देखरेख अब पंजाब स्मॉल इंडस्ट्री एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन ने नगर निगम को सौंप दी है। इसके विकास कार्यों के लिए ₹19करोड़ की ग्रांट नगर निगम को दी गई है।

जबकि जालंधर की 70 फ़ीसदी इंडस्ट्री आज भी शहर की बाहरी है बॉर्डर पर संचालित हो रही है। यह कारखाने नगर निगम के वार्ड नंबर 1, 2,5,77,79,80 इत्यादि में आते हैं। कई इलाके शहर की सीमा पर ग्रामीण एरिया में पढ़ते हैं।

लेकिन यह शहर की आर्थिक तरक्की में हिस्सेदारी दे रहे हैं। दूसरी तरफ चेयरमैन सुनील शर्मा ने कहा कि आज के जमाने में तमाम देशी और विदेशी कंपनियां उसी इलाके में व्यापार करना चाहती हैं जहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर सही हो। पंजाब सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी लॉन्च की है।

इस पॉलिसी का सही लाभ लेने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास योजना भी इंडस्ट्री के लिए बनानी चाहिए। मीटिंग में नवदीप बावा, संदीप महाजन, राजीव जयरथ, सुरिंदर सिंह, लखबीर सिंह, संजीव अग्रवाल, जतिन कुमार, अमरीक सिंह प्रमोद कपूर, गुरचरण सिंह, मुनीश शर्मा, गौरव ज्योति, निर्मल सिंह, लखबीर सिंह लक्खा, प्रमोद कपूर शामिल रहे।

20 साल से सड़कें नहीं बन पाई, स्ट्रीट लाइटें और साफ पानी भी नहीं
जालंधर में गोदईपुर, मुबारकपुर शेखे, लेदर कंपलेक्स की बैकसाइड,नूरपुर धोगरी,बुलंदपुर में कारखाने स्थापित हुए हैं। राज्य सरकार ने 1995 में सुविधा दी थी कि जो फैक्ट्रियां ग्रामीण क्षेत्र में लगेंगे उन्हें 7 साल के लिए टैक्स माफ रहेगा।

इसलिए तमाम कारखाने इन इलाकों में विकसित हुए। आज कई इंडस्ट्रीज जोन नगर निगम के हिस्से में आते हैं और कई बाहरी इलाके में हैं। जालंधर के इंडस्ट्री जोन में 20 साल से सड़कें नहीं बन पाई हैं और न ही पूरे इलाके में सीवरेज डाला जा सका है। कच्ची सड़कों के चलते जो मौजूदा सीवरेज सिस्टम है वो मिट्टी से भरा हुआ है। स्ट्रीट लाइटों से लेकर साफ पानी, सफाई समेत तमाम सुविधाएं नहीं दी जा सकी हैं।

1992 के बाद नए फोकल पॉइंट नहीं बने
अब डिमांड की जा रही है कि नई सरकार इंडस्ट्रियल पॉलिसी में इसके विकास को भी प्राथमिकता में शामिल करे। राज्य सरकार ने 1992 में फोकल पॉइंट बनाए थे। इनमें दो फोकल पॉइंट हाइवे पर बने तो बाकी 2 कपूरथला रोड पर।

लेकिन जैसे-जैसे इंडस्ट्री के प्लाॅटों की डिमांड बढ़ती गई तो लोगों ने चारों सरकारी फोकल पॉइंट के साथ खेतों में कारखाने लगाए। इन्हें टाउन प्लानिंग में इंडस्ट्री जोन घोषित किया गया। करतार फार्म भी इसी तरह घोषित इंडस्ट्री के लिए रिजर्व जोन है।

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