
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को जालंधर लोकसभा उपचुनाव को लेकर एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी द्वारा वोट मांगने पर सवाल उठाते हुए अकाली दल का नाम लिए बिना पूछा है कि एक ऐसी राजनीतिक पार्टी जिस पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के आरोप लगते हैं।
उस पार्टी के पक्ष में एसजीपीसी के प्रधान द्वारा वोट मांगना कितना जायज है। क्या यह लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नही है। वहीं भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि धार्मिक नेता को राजनीतिक पार्टी के पक्ष में प्रचार करना सही नही है। इस मामले पर खुली बहस होनी चाहिए।
एसजीपीसी प्रधान एचएस धामी ने प्रत्युत्तर में ट्वीट किया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी मामलों पर बात करने का हक मान को नहीं है। मुख्यमंत्री, मोरिंडा की बेअदबी की घटना के दोष से खुद को मुक्त कैसे कर सकते हो? और भी कई बेअदबी की घटनाएं आप की सरकार में हुई हैं।

हां, यह घटनाएं हर सिख को दुख देती हैं, यह नहीं घटनी चाहिए। पर, इस पर राजनीति करना गुनाह है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार करना अपनी पार्टी के लिए सभी का संवैधानिक हक है। वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने कहा, चीफ खालसा दीवान के प्रधान एक मंत्री हैं, क्या वह प्रचार करते हुए नही दिख रहे हैं।

