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Tuesday, July 8, 2025
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Joshimath Is Sinking: क्या जोशीमठ में टल गया खतरा? तीन दिन में नहीं बढ़ी दरारें, पढ़ें धंसते शहर का लेटेस्ट अपडेट

Joshimath Is Sinking: जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके में जेपी कॉलोनी के पास दो जनवरी को भूमिगत नाला फटने के बाद से लगातार पानी बह रहा है.

Joshimath Sinking crisis last 3 days no increase in width of cracks in building and shop Joshimath Is Sinking: क्या जोशीमठ में टल गया खतरा? तीन दिन में नहीं बढ़ी दरारें, पढ़ें धंसते शहर का लेटेस्ट अपडेट

जोशीमठ में तीन दिनों से नहीं बढ़ी दरारें (Image Source- PTI)

Joshimath Is Sinking: उत्तराखंड का जोशीमठ (Joshimath) इस वक्त बड़े संकट से जूझ रहा है. यहां लगभग हर दूसरे घर में दरारें पड़ रही हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना कर पर रहा है. यहां की आबादी 20,000 से ज्यादा है. बढ़ते हुए संकट के बीच अब जोशीमठ वालों के लिए राहत की खबर है. शहर में पिछले तीन दिनों से घरों और दुकानों में कोई भी दरारें नहीं बढ़ी है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जोशीमठ के क्षतिग्रस्त घरों में स्थापित क्रैक मीटरों में पिछले तीन दिनों में दरारें और चौड़ी नहीं हुई हैं. उन्होंने बताया कि जेपी कॉलोनी के पास एक भूमिगत चैनल से पानी का डिस्चार्ज फिर से बढ़कर 150 लीटर प्रति मिनट हो गया है. वहीं उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि कम से कम 20 साल से डूब रहे जोशीमठ में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की अनुमति कैसे दी गई.

दरार पड़ने वाले घरों की संख्या 849 
जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके में जेपी कॉलोनी के पास दो जनवरी को भूमिगत नाला फटने के बाद से लगातार पानी बह रहा है.आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरुवार को कहा, नाम मात्र के स्तर पर यह फिर से बढ़ गया है क्योंकि शुरुआत में यह 540 एलपीएम पर बह रहा था. जानकारी के मुताबिक बुधवार को यह घटकर 100 एलपीएम रह गया था. एलपीएम की बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन पिछले तीन दिनों में इमारतों में दरारों  का और चौड़ा नहीं होना एक पॉजिटिव संकेत है. जोशीमठ में दरार पड़ने वाले घरों की संख्या 849 है. 259 प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ( Pushkar Singh Dhami) ने जोशीमठ में किए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और कहा कि कस्बे में किए जाने वाले आपदा प्रबंधन उपायों के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. धामी ने कहा कि दूसरे स्थान से लाकर बसाए गए लोगों को राज्य सरकार की बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी और अधिकारियों से प्रभावित निवासियों के परामर्श से एक पुनर्वास योजना तैयार करने को कहा. उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी से प्रभावित लोगों के सुझाव लेकर जल्द से जल्द सरकार को रिपोर्ट भेजने को भी बोला.

‘उत्तराखंड के लोग आपदा पर पा लेंगे काबू’ 
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या का अध्ययन करने वाले तकनीकी संस्थानों की अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद, भविष्य के लिए रणनीति तैयार करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए और जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए. उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि महाराज ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. मुझे याद है कि कम से कम 20 साल पहले जब मैं यहां आया करता था, तब भी लोग कहते थे कि जोशीमठ डूब रहा है. इसकी जांच की जाएगी कि यहां बहुमंजिला इमारतें कैसे बनने दी गई?

पर्यटन मंत्री ने कहा कि जोशीमठ में सेना और आईटीबीपी के प्रतिष्ठान हैं और उनके सीवेज सिस्टम का उपचार किया जाना चाहिए. वह इस संबंध में गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को भी लिखेंगे. उन्होंने कहा, उत्तराखंड के लोगों में बहुत लचीलापन है और वे सामूहिक रूप से आपदा पर काबू पा लेंगे.

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