
जालंधर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान पंजाबी सिंगर ‘सिद्धू मूसेवाला की एंट्री’ ने सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पिछले कल जालंधर के बढ़ा पिंड और रुड़कां कलां (फिल्लौर) से मूसेवाला को इंसाफ दिलाने के लिए यात्रा की शुरुआत की गई थी। आज दूसरे चरण में यात्रा का आगाज मूसेवाला के माता-पिता लांबड़ा से करेंगे।
जस्टिस फॉर सिद्धू मूसेवाला यात्रा आज लांबड़ा से चलने के बाद रविदास चौक से जालंधर में प्रवेश करेगी। इसके बाद बबरीक चौक होते हुए करतारपुर में जाएगी। वहां से भोगपुर, आदमपुर, जंडूसिंघा से होते हुए रामामंडी में शाम को संपन्न होगी।

सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पिछले कल सिद्धू मूसेवाला इंसाफ के लिए यात्रा का जालंधर लोकसभा क्षेत्र में आगाज करते हुए मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बाकायदा सरकार को चिट्ठी भेजी थी कि पंजाब में सिद्धू मूसेवाला समेत 2 लोगों को खतरा है, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
मूसेवाला के पिता ने कहा कि सरकार ने खतरे के बारे में जानकारी होने के बावजूद उनके बेटे की सुरक्षा को कम कर दिया। ऊपर से सुरक्षा कम करने वाली चिट्ठी जो कि टॉप सीक्रेट रखी जाती है उसे सोशल मीडिया पर अपनी झूठी शान दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। दुश्मनों ने उसी का फायदा उठाया और उनके बेटे की गोलियां मार बेरहमी से हत्या कर दी गई।
संगरूर उपचुनाव में आप को दिया था बड़ा झटका
विधानसभा चुनाव के दौरान 117 में से 92 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने सत्ता में आने के 3 महीने बाद ही संगरूर की अपनी इकलौती लोकसभा सीट गंवा दी थी। CM भगवंत मान का गढ़ रहे संगरूर में लोगों ने शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत मान को सांसद चुन लिया।
संगरूर उपचुनाव में AAP की हार की सबसे बड़ी वजह पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या रही थी। संगरूर उपचुनाव के दौरान भी मूसेवाला को इंसाफ और उसके दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग उठी थी। साथ ही लोगों में रोष था कि सरकार के सुरक्षा घटाते ही मूसेवाला का मर्डर हो गया।
संगरूर में लोग सिद्धू मूसेवाला की हत्या को राजनीतिक मर्डर की संज्ञा भी दे रहे थे और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे थे। संगरूर में आम लोगों का कहना था कि मूसेवाला ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। बेशक वह नहीं जीते, लेकिन उन पर पार्टी का टैग होने के कारण उनकी सुरक्षा को कम किया गया था।
मुख्यमंत्री और दो मंत्री भी नहीं बचा पाए थे सीट
संगरूर के लोगों में मूसेवाला की हत्या को लेकर इतना रोष था कि उसे खुद मुख्यमंत्री और दो कैबिनेट मंत्री भी दूर नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री खुद संगरूर से हैं। जिस सीट पर चुनाव हुआ था वह भगवंत मान के ही मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई थी। खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और वित्त मंत्री हरपाल चीमा भी संगरूर जिले से ही हैं।

