
असम में ड्यूटी के दौरान शहीद सेना के जवान सहजपाल सिंह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पिता अमरजीत सिंह ने शहीद बेटे को मुखाग्नि दी। सहजपाल की अंत्येष्टि सैन्य सम्मान के साथ की गई। जवान को श्रद्धांजलि देने जनसैलाब उमड़ा।
इससे पहले सुबह 10 बजे सहजपाल सिंह के पार्थिव शरीर को पंजाब में उनके पैतृक गांव रंधावा लाया गया है। मां-पिता ने रोते-रोते शहीद बेटे को गले से लगाया। गांव के सभी लोगों ने भी नम आंखों के साथ सहजपाल सिंह के अंतिम दर्शन किए।
देर शाम पटियाला छावनी लाया गया पार्थिव शरीर
28 मई की देर शाम सहजपाल सिंह के पार्थिव शरीर को पटियाला छावनी लाया गया। फिर सुबह 10 बजे पार्थिव शरीर को गांव रंधावा में उनके घर ले जाया गया। अंतिम दर्शनों के बाद शहीद सहजपाल सिंह का स्थानीय श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
2015 में हुए थे भर्ती
इससे पहले शहीद सहजपाल सिंह का अंतिम संस्कार 28 मई को किया जाना था, लेकिन शव को शाम से पहले घर नहीं पहुंचाया जा सका था। सहजपाल सिंह साल 2015 में सेना में भर्ती हुए थे। उनका छोटा भाई 21 वर्षीय अमृतपाल सिंह भी भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है, जो इन दिनों लद्दाख में तैनात है।
वहीं, शहीद सहजपाल के पिता अमरजीत सिंह और मां परमजीत कौर का रो-रो कर बुरा हाल है। कैबिनेट मंत्री जौड़ामाजरा ने शहीद जवान के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
मंत्री जौड़ामाजरा बोले- पूरा देश कर रहा नमन
इससे पहले सहजपाल सिंह के शहीद होने की खबर से गांव रंधावा में मातम पसरा है। स्थानीय विधायक एवं पंजाब के कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा ने 27 मई की देर शाम शहीद सहजपाल के परिवार से दुख साझा किया। उन्होंने कहा कि वह देश की रक्षा करते हुए असम में शहीद हो गए। समूचा पंजाब और देश शहीद को नमन कर रहा है। CM भगवंत मान ने भी पंजाब एवं भारत मां के सपूत सहजपाल सिंह को नमन किया है।