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Monday, July 7, 2025
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इस साल कांप रहा उत्तर भारत! पिछले साल दिसंबर ने गर्म रहने के मामले में तोड़े थे 122 साल के रिकॉर्ड, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

IMD News: देश में दिसंबर के महीने में आमतौर पर सर्दी शुरू हो जाती है लेकिन 2022 का दिसंबर महीना 122 सालों में सबसे गर्म रहा.

North India shivering with cold this year last December 2022 in India warmest month in 122 years says IMD इस साल कांप रहा उत्तर भारत! पिछले साल दिसंबर ने गर्म रहने के मामले में तोड़े थे 122 साल के रिकॉर्ड, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

2022 का दिसंबर महीना 122 सालों में सबसे गर्म रहा (PTI Photo)

India Weather News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार (5 जनवरी) सुबह न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पूरा उत्तर भारत ठंड की चपेट में है लेकिन हाल ही में बीते दिसंबर महीने ने मौसम के लिहाज से एक नया रिकॉर्ड बनाया है. आम तौर पर दिसंबर के महीने में सर्दी शुरू हो जाती है लेकिन 2022 का दिसंबर महीना 122 वर्षों में सबसे गर्म रहा. मौसम विभाग ने बताया, दिसंबर 2022 के दौरान पूरे देश में औसत अधिकतम, न्यूनतम और औसत तापमान क्रमशः 27.32 डिग्री सेल्सियस, 15.65 डिग्री सेल्सियस और 21.49 डिग्री सेल्सियस था.

इस दौरान सामान्य तापमान 26.53 डिग्री सेल्सियस, 14.44 डिग्री सेल्सियस और 20.49 डिग्री सेल्सियस था. इस पर जलवायु विशेषज्ञ और मौसम विज्ञानियों ने कहा कि जलवायु संकट के संदर्भ में इस तरह के रिकॉर्ड की उम्मीद की जानी चाहिए. औसत अधिकतम तापमान, न्यूनतम और औसत तापमान सामान्य से क्रमश: 0.79 डिग्री सेल्सियस, 1.21 डिग्री सेल्सियस और 1.00 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. पूरे भारत में, दिसंबर के दौरान, औसत अधिकतम तापमान साल 2016 के बाद दूसरा सबसे अधिक था और औसत न्यूनतम तापमान भी 2008 के बाद दूसरा सबसे अधिक था. औसत तापमान सबसे अधिक था.

122 सालों में सबसे गर्म दिसंबर 2022

ईस्ट और नॉर्थ ईस्ट में औसत अधिकतम तापमान 122 सालों में 25.85 डिग्री सेल्सियस पर सबसे अधिक रहा. साल 2008 में औसत न्यूनतम तापमान 12.70 डिग्री सेल्सियस और 1958 के बाद 12.47 डिग्री सेल्सियस और उच्चतम 12.37 डिग्री सेल्सियस था. औसत तापमान भी सबसे अधिक 19.11 डिग्री सेल्सियस रहा था. मध्य भारत में औसत अधिकतम तापमान छठा उच्चतम (29.49 डिग्री सेल्सियस) था. भारत में 1967 में 16.50 डिग्री सेल्सियस के बाद औसत न्यूनतम तापमान दूसरा सबसे अधिक 15.88 डिग्री सेल्सियस था. औसत तापमान सबसे ज्यादा 22.69 डिग्री सेल्सियस रहा था.

 

15 दिसंबर तक नहीं थी कोई शीतलहर

साल 1901 के बाद से उत्तर पश्चिम भारत में औसत अधिकतम तापमान 20वां उच्चतम 21.23 डिग्री सेल्सियस और औसत न्यूनतम तापमान 24वां उच्चतम 7.14 डिग्री सेल्सियस था. 15 दिसंबर तक भारत के उत्तरी और मध्य भागों में कोई शीतलहर नहीं थी और घना कोहरा भी नहीं था. 18 दिसंबर से उत्तर पश्चिम भारत के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली और उत्तरी राजस्थान में और 21 दिसंबर से ठंड के दिनों में शीतलहर की शुरुआत हुई.

दिसंबर के खत्म तक उत्तर पश्चिम भारत में कोई शीत लहर या ठंडे दिन की स्थिति नहीं थी. यह मुख्य रूप से इसलिए था क्योंकि कोई भी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिमी क्षेत्र को प्रभावित नहीं करता था. जो मुख्य रूप से सर्दियों में तापमान में गिरावट का कारण बनता है. इसलिए पूरे महीने तापमान सामान्य से ऊपर रहा इसके अलावा बारिश तमिलनाडु और केरल में ही हो रही थी. देश के अधिकांश हिस्सों में कम बारिश हुई जिससे दिन का तापमान सामान्य बना रहा.

‘जलवायु संकट के कारण ऐसे रिकॉर्ड आम’

विशेषज्ञों का कहना है कि ला नीना वर्ष में इतना उच्च तापमान असामान्य है. जलवायु परिवर्तन की निश्चित रूप से औसत तापमान बढ़ाने में भूमिका होती है. हमने अब ला नीना वर्षों में भी रिकॉर्ड तोड़ तापमान देखना शुरू कर दिया है. जलवायु निगरानी और भविष्यवाणी समूह आईएमडी पुणे के प्रमुख ओपी श्रीजीत ने कहा, ”यह एक ला नीना वर्ष है लेकिन यूरोप गर्मी की लहर का अनुभव कर रहा है. हमारा दिसंबर का डेटा भी यही दर्शाता है. ग्लोबल वार्मिंग ने ला नीना के प्रभाव को कमजोर कर दिया है. हमें यह विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि दिसंबर में तापमान में वृद्धि क्यों हुई लेकिन समग्र रिकॉर्ड को जलवायु परिवर्तन से निश्चित रूप से जोड़ा जा सकता है.”

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