
जालंधर में पूर्व कांग्रेस पार्षद सुशील कालिया विक्की आत्महत्या मामले में चार महीने पुलिस अचानक नहीं जागी है। बल्कि यह मामला हाईकोर्ट में पहुंचने के बाद पुलिस ने किरकिरी से बचने के लिए यह कदम उठाया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों आम आदमी पार्टी के नेता राजकुमार शर्मा और विनोद शर्मा को गिरफ्तार किया है।
दोनों को पुलिस आज कोर्ट में पेश करेगी और दोनों का रिमांड मांग सकती है। दरअसल, पुलिस की ढीली कार्रवाई को लेकर आत्महत्या करने वाले पूर्व पार्षद सुशील कालिया के भाई राजेश कालिया जो कि भगत सिंह कालोनी में कालिया मैटल कास्टिंग की फैक्ट्री चलाते हैं इस मामले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में ले गए थे।
हाईकोर्ट में पेशी से पहले पुलिस का होमवर्क
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद पिछले चार महीने से शांत बैठी पुलिस ने एकदम हरकत में आकर अपना होमवर्क शुरू कर दिया है। पुलिस जांच के बाद दो लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया जबकि अन्य 12 के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी। यह मामला 13 जुलाई को सुनवाई पर हाईकोर्ट में लगा हुआ है। उससे पहले पुलिस अपना काम पूरा कर रही है।

सुसाइड नोट में भाजपा नेता भंडारी का भी था नाम
वार्ड नंबर 64 से पार्षद सुशील कालिया उर्फ विक्की ने सुसाइड करने से पहले एक नोट लिखा था। यह सुसाइड नोट परिजनों ने पुलिस को सौंप दिया था। इस सुसाइड नोट में कालिया ने पूर्व विधायक केडी भंडारी, राजकुमार, उनकी पत्नी अंजू, आकाश शर्मा, जतिंद्र चोपड़ा, गिन्नी चोपड़ा निवासी शिव नगर, राजन शारदा उनकी बेटी कृतिका, अश्विनी, विनोद निवासीगण भगत सिंह कॉलोनी, राकेश मल्होत्रा निवासी इंडस्ट्रियल एरिया और जय महेंद्रू के नाम लिखे थे।
विधायक निधि घोटाले में आया नाम
हेनरी परिवार के खासमखास सुशील कालिया उनके बेटे अंशुमन और रिश्तेदारों के खिलाफ पिछले साल पुलिस ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया था। सुशील कालिया और उनके परिजनों पर विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप लगा था। सुशील कालिया ने तो केस में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत ले ली थी, लेकिन उनके बेटे को हाईकोर्ट से जामनत नहीं मिली थी।
इसके बाद जमानत का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था, लेकिन वहां पर भी कोई राहत नहीं मिली थी।
ADC की जांच के बाद उनके परिजनों समेत 20 लोग हुई थे नामजद
विधायक बावा हेनरी ने अपनी विधायक निधि से उत्तरी हलके में छह वेलफेयर सोसाइटियों को 10-10 लाख की ग्रांट जारी की थी। ग्रांट वह बैंक खाते से तो निकल गई, लेकिन आगे प्रयोग नहीं हुई। प्रदेश में सत्ता पलट हो गया तो मौजूदा सरकार ने इसकी ADC से जांच कराई, जिसमें उन्होंने पार्षद सुशील कालिया उनके बेटे अंशुमन समेत 20 लोगों को दोषी पाया। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने सभी को नामजद किया।
पूर्व विधायक केडी भंडारी ने की थी शिकायत
इस सारे गड़बड़झाले की शिकायत नॉर्थ हलके से ही भाजपा के पूर्व विधायक कृष्णदेव भंडारी (केडी भंडारी) ने डीसी को की थी। प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार नई-नई थी और भ्रष्टाचार के खिलाफ भी मुहिम गर्मजोशी से शुरू हुई थी। डीसी ने भी आगे जांच एडीसी वरिंदरपाल को सौंप दी।
जांच रिपोर्ट आने के बाद फिर से इस मामले की जांच के लिए SIT गठित की गई, जिसने सभी 20 लोगों के खिलाफ हेराफेरी की धारा 420 भी जोड़ दी।