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Sunday, July 13, 2025
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Ramcharitmanas Row: RSS प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान की सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने की तारीफ, जानिए क्या कहा?

UP Politics: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयान की तारीफ की है.

Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya praised RSS chief Mohan Bhagwat Statement and demand placed on Ramcharitmanas Ramcharitmanas Row: RSS प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान की सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने की तारीफ, जानिए क्या कहा?

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Image Source: Facebook)

Ramcharitmanas Controversy: रामचरितमानस पर विवाद बयान देकर चर्चा में आए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) की बयानबाजी अभी भी जारी है. बीते कुछ दिनों से सपा नेता लगातार अपने विरोधियों पर जुबानी हमले कर रहे हैं. अब उन्होंने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के ‘पंडितों’ वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

सपा नेता ने कहा, “जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें.”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा, “यदि यह बयान मजबूरी का नहीं है तो साहस दिखाते हुए केंद्र सरकार को कहकर, रामचरितमानस से जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर नीच, अधम कहने तथा महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों को प्रताड़ित, अपमानित करने वाली टिप्पणियों को हटवायें. मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है.”

मोहन भागवत का बयान
दरअसल, सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है, “हिन्दू समाज को देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता. आपको समझना होगा. हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है. जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा या कोई अलग कैसे हो गया?”

उन्होंने आगे कहा, “भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक है. उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई वो गलत था. देश में विवेक, चेतना सभी एक है, उसमें कोई अंतर नहीं. बस मत अलग-अलग है. धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की. देश में कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन हम दुनिया में प्रमुखता हासिल करने के बाद अन्य देशों की तरह नहीं होंगे.”

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