Reserve Bank of India: सूत्रों के अनुसार रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं का मानना है कि बोलीकर्ताओं की तरफ से लगाई गई बोली काफी कम है. ऐसी स्थिति में सीओसी (COC) बोलीकर्ताओं से संशोधित बोली लगाने को कह सकते हैं.

बोलीकर्ताओं की तरफ से लगाई गई बोलियां काफी कम
सूत्रों की तरफ से यह जानकारी दी गई. सूत्रों के अनुसार रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं का मानना है कि बोलीकर्ताओं की तरफ से लगाई गई बोली काफी कम है. ऐसी स्थिति में सीओसी (COC) बोलीकर्ताओं से संशोधित बोली लगाने को कह सकते हैं. हालांकि संशोधित बोली भी उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने पर कर्जदाता रिलायंस कैपिटल को दिवाला प्रक्रिया के लिए भेजने की मांग कर सकते हैं.
28 नवंबर थी बोली लगाने की अंतिम तिथि
इसके लिए सीओसी ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (IBC) में हाल ही में जोड़ी गई धारा 6(A) का सहारा भी ले सकते हैं, जिसके जरिये किसी कंपनी के अलग-अलग कारोबार को अलग-अलग बेचा जा सकता है. रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के लिए बोली लगाने की समय सीमा 28 नवंबर को खत्म हो चुकी है. इस कंपनी के आठ कारोबारों के लिए बोलियां आमंत्रित की गई थीं.