
पंजाब के जिला लुधियाना में स्वतंत्रता सेनानी सुखदेव थापर की 116वीं जयंती आज महानगर में उनके पैतृक घर पुराने शहर नौघरा में मनाई जा रही है। जयंती की सभी तैयारियां देर रात पूरी की गईं। आज सुबह हवन के साथ लोग उन्हें याद करेंगे।
उम्मीद थी कि इस बार पुराने शहर के नौघरा मोहल्ला में स्थित शहीद के पैतृक घर में लोगों के स्वागत के लिए सीधा रास्ता बन जाएगा। लेकिन निगम अधिकारियों की सुस्ती का नतीजा रहा कि इस बार भी सीधा रास्ता नहीं मिल पाया।

सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बावजूद आखरी पड़ाव में ये काम थम गया है। सरकार से इस रास्ते का नोटिफिकेशन सहित अन्य कार्रवाई रह गई है, जिसे पूरा करने में निगम अधिकारी सजग नहीं दिख रहे। इस रास्ते की मांग लंबे समय से शहीद के वंशज द्वारा की जा रही है। आज महानगर के राजनीतिक व सामाजिक गणमान्य शहीद सुखदेव थापर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
मार्ग बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव स्थानीय निकाय विभाग को अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा गया है। सीधा रास्ता प्रदान करवाने की प्रक्रिया 2011 से शुरू की गई थी।
SDM द्वारा विभाग को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शहीद सुखदेव थापर की जन्मस्थली तक सीधी पहुंच में बाधा उत्पन्न करने वाली संपत्ति को ‘उचित अधिकार’ के तहत हटाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण में मुआवजा और पारदर्शिता को भी ध्यान में रखा जाएगा। थापर को उनके साथियों भगत सिंह और राजगुरु के साथ 23 मार्च, 1931 को अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी।

सुखदेव थापर मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्य त्रिभुवन थापर ने कहा कि यह घर भीड़भाड़ वाली गलियों की भूलभुलैया के भीतर स्थित है, जिससे पर्यटकों और यहां तक कि शहर के लोगों के लिए इसके बारे में जानना मुश्किल हो जाता है। आज शहीद सुखदेव थापर की जयंती है। उन्हें आशा है कि इस बार सीधा रास्ता मिल जाएगा, लेकिन इस बार भी उन्हें निराश होना पड़ रहा है। शहीद के घर को जाने वाले रास्ते का काम अभी लटका हुआ है।