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Monday, November 10, 2025
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सिद्धारमैया बोले- कोई धर्म समर्थन नहीं करता पर हिंदुत्‍व और मनुवाद करते हैं हिंसा, हत्‍या और भेदभाव का सपोर्ट

Siddaramaiah Controversial Statement: कर्नाटक विधानसभा के विपक्षी नेता सिद्धारमैया ने एक बार फिर से हिंदुत्व को लेकर विवादित बयान दिया है. इससे पहले भी उन्होंने 8 जनवरी को इसी तरह का एक बयान दिया था.

Karnataka former CM Siddaramaiah controversial statement against hindutva supports murder discrimination सिद्धारमैया बोले- कोई धर्म समर्थन नहीं करता पर हिंदुत्‍व और मनुवाद करते हैं हिंसा, हत्‍या और भेदभाव का सपोर्ट

कर्नाटक पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Image Source: PTI)

Siddaramaiah On Hindutva: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने विवादित बयान जारी कर एक बार फिर बवाल खड़ा कर दिया है. उनका कहना है कि वह हिंदू विरोधी नहीं बल्कि हिंदुत्व विरोधी हैं क्योंकि उनके अनुसार हिंदुत्व हत्या, हिंसा और भेदभाव के लिए है. हिंदुत्व संविधान के खिलाफ है. सिद्धारमैया के इस बयान के बाद अब राजनीतिक गलियारों में माहौल गर्म हो गया है.

सिद्धारमैया इतने में ही नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म अलग है. वह हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं. वह एक हिंदू हैं लेकिन मनुवाद और हिंदुत्व का विरोध करता हैं. उनका कहना है कि कोई भी धर्म हत्या और हिंसा का समर्थन नहीं करता है लेकिन हिंदुत्व और मनुवाद हत्या, हिंसा और भेदभाव का समर्थन करते हैं. यह पहली बार नहीं है जब मंत्री ने हिंदुत्व पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा किया है.

पशुपालन मंत्री पर तीखा वार 

इससे पहले 8 जनवरी को उन्होंने जोर देकर कहा था कि वह एक हिंदू हैं लेकिन हिंदुत्व का विरोध करते हैं. इसी कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर का विरोध नहीं किया बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करने के खिलाफ थे. उन्होंने कर्नाटक के पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान पर भी हमला बोलते हुए उन्हें ‘मूर्ख’ बताया जो गाय और बकरी में पहचान नहीं कर सकता.

 

बीजेपी पर बरसे सिद्धारमैया 

साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं ने हर विधायक को 15 से 20 करोड़ रुपये दिए  और येदियुरप्पा के नेतृत्व में ‘ऑपरेशन कमला’ के जरिए सरकार बनाई. मंत्री ने दावा किया कि 2013 में उनकी पार्टी ने 165 वादों में से 158 को पूरा किया और 30 नए कार्यक्रम शुरू किए थे. वहीं, बीजेपी ने 2018 में 600 वादे किए जिनमें से 50 से 60 भी पूरे नहीं किए गए. पेन, पेंसिल, किताबों और दही पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाकर सरकार ने आम आदमी पर अधिक बोझ डाला है.

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