
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के लिए आज से इंसाफ यात्रा शुरू की जाएगी। मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह जालंधर लोकसभा क्षेत्र के बड़ा पिंड (फिल्लौर)-रुड़का कलां से जस्टिस फॉर सिद्धू मूसेवाला मार्च निकालेंगे।
बलकौर सिंह ने सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट पर वीडियो डाल कर जालंधर लोकसभा क्षेत्र के सभी लोगों से अपील की है कि वह इस यात्रा में सिद्धू को इंसाफ के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल हों। उन्होंने कहा है कि जस्टिस फॉर सिद्धू मूसेवाला के लिए वह अपनी विनती लेकर आपके पास आ रहे हैं।
सरकार आपके द्वार, हम मिलकर मांगेंगे इंसाफ
बलकौर सिंह ने कहा कि जालंधर में चुनाव चल रहा है और सरकार आपके घर द्वार पर है। वैसे तो वह हर रविवार को इंसाफ के लिए अपील करते हैं, लेकिन 5 मई को वह भी अपनी जस्टिस सिद्धू मूसेवाला की गुहार लेकर आपके पास आ रहे हैं। आप सभी से विनती है कि बताए गए शेड्यूल के अनुसार मार्च में शामिल हों, वहां पर सभी इस मसले पर बात करेंगे।
यात्रा का शेड्यूल:-


संगरूर उपचुनाव में आप को दिया था बड़ा झटका
विधानसभा चुनाव के दौरान 117 में से 92 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने सत्ता में आने के 3 महीने बाद ही संगरूर की अपनी इकलौती लोकसभा सीट गंवा दी थी। CM भगवंत मान का गढ़ रहे संगरूर में लोगों ने शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के सिमरनजीत मान को सांसद चुन लिया।
संगरूर उपचुनाव में AAP की हार की सबसे बड़ी वजह पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या रही थी। संगरूर उपचुनाव के दौरान भी मूसेवाला को इंसाफ और उसके दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग उठी थी। साथ ही लोगों में रोष था कि सरकार के सुरक्षा घटाते ही मूसेवाला का मर्डर हो गया।
संगरूर में लोग सिद्धू मूसेवाला की हत्या को राजनीतिक मर्डर की संज्ञा भी दे रहे थे और सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे थे। संगरूर में आम लोगों का कहना था कि मूसेवाला ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। बेशक वह नहीं जीते, लेकिन उन पर पार्टी का टैग होने के कारण उनकी सुरक्षा को कम किया गया था।
मुख्यमंत्री और दो मंत्री भी नहीं बचा पाए थे सीट
संगरूर के लोगों में मूसेवाला की हत्या को लेकर इतना रोष था कि उसे खुद मुख्यमंत्री और दो कैबिनेट मंत्री भी दूर नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री खुद संगरूर से हैं। जिस सीट पर चुनाव हुआ था वह भगवंत मान के ही मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई थी। खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर और वित्त मंत्री हरपाल चीमा भी संगरूर जिले से ही हैं।

