
सिटी की मेन सड़काें और वार्डाें में एलईडी लाइटें बंद हैं। लाइटाें की मेंटेनेंस के लिए लोग निगम के कंट्राेल रूम में शिकायतें दर्ज करवाते हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती क्योंकि एलईडी लाइट कंपनी के मुलाजिमों को तीन माह से वेतन ही नहीं मिला है।
वहीं, निगम ने कंपनी की तरफ 5.55 करोड़ रुपए ओवर पेमेंट निकाल दी तो कंपनी के मुलाजिमों ने मेंटनेंस भी पूरी तरह बंद कर दी है। ऐसे में सड़कों और गली-मोहल्लों में अंधेरा छाया हुआ है। अब कंपनी के अधिकारियों ने अपनी छह करोड़ रुपए बकाया पेमेंट के लिए कोर्ट में जाने का फैसला लिया है।
निगम को लीगल नोटिस भेजा जाएगा। जिक्रयोग है कि स्मार्ट सिटी का यह प्रोजेक्ट वैसे तो पूरा हो चुका है, लेकिन पांच साल कंपनी को आॅपरेशन एंड मेंटेनेंस करनी है। भुगतान न होने पर कंपनी बैकफुट पर आ गई है।
वहीं, पब्लिक को हो रही परेशानी को लेकर कांग्रेस के पूर्व कौंसलर एडिशनल कमिश्नर शिखा भगत से मिले। उन्होंने पूर्व पार्षदों को तीन दिन में मेंटेनेंस शुरू करवाने का आश्वासन दिया है। विदित हाे कि निगम हद में 71062 नई एलईडी लाइटें लगी हैं, जाे हर वार्ड और सड़काें पर प्रकाश व्यवस्था काे लगी है। कंपनी ने निगम में जनवरी वर्ष 2022 से एलईडी लाइटाें के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के भुगतान काे कई बार पत्र लिखा है, जाे भुगतान नहीं हाे सका।
गली मोहल्लों में भी लाइटें बंद, पार्षदों को मिला 3 दिन में मेंटेनेंस का आश्वासन
हालांकि हाउस की मीटिंग में कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने अवगत कराया कि कंपनी एलईडी लाइटाें की पाेल मार्किंग का काम करेगी और इसके हिसाब से मेंटेनेंस का भुगतान हाेगा। अब निगम ही कंपनी पर सीधे 5.54 कराेड़ ओवरचार्ज के निकाले हैं। एेसे में कंपनी का ऑपरेशन एंव मेंटेनेंस के काम में रूचि भी कम ले रही है। इस वजह से मेन सड़काें, वार्डाें और 160 फुटी राेड की लाइटेंं बंद पड़ी है।
वहीं रात में एलईडी लाइटें बंद हाेने से हादसाें का खतरा बना रहता है। साेमवार काे एडवाेकेट हरप्रीत सिंह आजाद, पूर्व काैंसलर जगदीश समराय, पूर्व काैंसलर बचन लाल भगत, पूर्व काैंसलर तरसेम लखाेत्रा, पूर्व काैंसलर पति बलवीर अंगुराल आदि एलईडी लाइटाें काे लेकर एडिशनल कमिश्नर शिखा भगत से मिले और लाइटाें की मेंटेनेंस शुरू करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि वेस्ट हलके की मेन सड़काें पर एलईडी लाइटें बंद है। इसके लिए कंपनी काे शिकायत दर्ज कराई, ताे जवाब मिला कंपनी के मुलाजिम हड़ताल पर हैं। इस वजह से एलईडी लाइटाें की मेंटेनेंस प्रभावित है।
वेतन न मिलने पर काम बंद किया
कंपनी के एलईडी लाइटाें की मेंटेनेंस में 54 मुलाजिम लगे हैं। इसके लिए 26 टीमें बनी हैं, जाे कंट्राेल रूम में अाने वाली शिकायताें का निस्तारण करती हैं। कंट्राेल रूम में राेज 120 से 150 शिकायतें एलईडी लाइटाें से जुड़ी पहुंचती हैं।
वहीं मुलाजिमाें काे ढाई महीने से वेतन नहीं मिला हैं, ताे लगभग 30 मुलाजिमाें ने काम बंद कर दिया है। स्मार्ट सिटी में 57.97 कराेड़ के एलईडी लाइट प्राेजेक्ट के आपरेशन एवं मेंटनेंस काे लेकर पेंच फंसता जा रहा है।
कंपनी ने जनवरी 2022 से ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस काे पत्र लिखा है, लेकिन निगम ने कंप्लीशन तिथि अप्रैल वर्ष 2022 से ऑपरेशन एंव मेंटेनेंस शुरू करने को माना है। इसके विपरीत कॉन्ट्रैक्टर पर 5.54 करोड़ रुपए ओवर चार्ज निकाला है और 1.4 कराेड़ बैंक गारंटी जमा करने काे पत्र लिखा है।
निगम में एलईडी लाइट कंपनी ने जनवरी वर्ष 2022 के हिसाब से 14 महीने के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के बिल जमा किए हैं, लेकिन निगम ने एक अप्रैल 2022 से आपरेशन एंड मेंटेनेंस काे माना है। निगम हद में ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस समेत करीब 6 करोड़ रुपए बकाया हैं।
ढाई माह से मुलाजिम परेशानी झेल रहे
नगर निगम में एलईडी लाइटाें की मेंटेनेंस का भुगतान नहीं किया है। इस वजह से ढाई महीने से मुलाजिमाें काे वेतन नहीं मिला है। वेतन नहीं मिलने से काफी मुलाजिमाें ने मेंटेनेंस बंद कर दी है।

