
पंजाब की पंचायती, शामलात व जंगलात विभाग समेत अन्य सरकारी जमीनों पर कब्जे करने वालों के खिलाफ अब सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। CM भगवंत मान ने रसूखदार लोगों से 31 मई तक सरकारी जमीन से कब्जे छोड़ने की अपील की है। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट भी किया।
CM मान ने कहा कि अब निर्धारित समयावधि तक सरकारी जमीन से कब्जे नहीं छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पंजाब सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर मुहिम छेड़ी जाएगी। मान ने विशेष तौर पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे करे बैठे रसूखदार लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लिए जाने की बात कही है।
CM मान ने खर्चे और पर्चे दर्ज करने की दी चेतावनी
गौरतलब है कि पंजाब सरकार द्वारा साल 2022 से पंचायती, शामलात और जंगलात विभाग की जमीन से अवैध कब्जे छुड़वाने के प्रयास जारी हैं। मान इससे पहले भी 31 मई तक सरकारी जमीन से कब्जे छोड़ने की चेतावनी दे चुके हैं।
उन्होंने कब्जे नहीं छोड़ने वालों पर खर्चे और पर्चे दर्ज किए जाने की बात भी कही है। CM मान समेत पंचायती विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और अन्यों द्वारा समय-समय पर सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने की अपील की जाती रही है।
पंजाब में 50 हजार एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे
पंजाब की सत्ता संभालने के बाद मान सरकार ने पंचायती जमीनों पर अवैध कब्जों की जांच की। इसमें करीब 50 हजार एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे होने का पता चला। कब्जा करने वालों में नेता, रिटायर्ड अफसर और रसूखदार लोग शामिल मिले।
सरकार कह चुकी है कि इन जमीनों का फायदा पंचायत को होना चाहिए और कब्जे छुड़वा कर यह जमीन पंचायतों को सौंपे जाने की बात कही गई है। इससे जमीन को आगे ठेके पर देकर खेती के जरिए कमाई की जा सकेगी।
31 मई तक 5 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराने का लक्ष्य
पंजाब सरकार ने राज्य में 31 मई तक 5 हजार एकड़ पंचायती जमीन खाली कराने का टारगेट रखा है। इसमें से मान सरकार 300 एकड़ से अधिक जमीन से कब्जे छुड़वा भी चुकी है। पंचायती विकास मंत्री कुलदीप धालीवाल मोहाली, अमृतसर के अलावा कई जगहों पर जमीन खाली करा चुके हैं। लेकिन कुछ जगहों पर उन्हें किसान यूनियन का विरोध भी झेलना पड़ा था।