
पंजाब अनुसूचित जातियां भूमि विकास व वित्त निगम चंडीगढ़ की स्व रोजगार ऋण योजना को ग्रहण लगता जा रहा है। क्योंकि इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं दिव्यांग बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए ऋण मुहैया करवाया जाता है।
लेकिन आंकड़े बताते हैं कि 2012-13 से 2022-23 (28 फरवरी 2023) तक 11 सालों में ऋण का लक्ष्य कभी आधा भी पूरा नहीं हो पाया है। लक्ष्य को आधा किया गया। फिर भी योजना लक्ष्य तक नहीं पहुंची। सामाजिक सुरक्षा विभाग अनुसार 11 सालों में 53800 लाभपात्री को 28700.00 लाख रुपए का ऋण देने का लक्ष्य रखा गया था।
लेकिन केवल 20729 लाभपात्रियों को ही 10465.87 लाख रुपए के ऋण दिए गए हैं। यह खुलासा सामाजिक सुरक्षा विभाग को ऋण योजना की समीक्षा दौरान हुआ है। इधर, सामाजिक न्याय अधिकारिता व अल्पसंख्यक मंत्री डा. बलजीत कौर ने कहा पिछली सरकारों में स्टेट शेयर (कैपिटल फंड व सब्सिडी फंड) नहीं डाला गया।
जिस कारण धीरे-धीरे स्वरोजगार ऋण योजना खटाई में चली गई। अब आप सरकार ने 1 करोड़ रुपए का स्टेट शेयर डाला है। केंद्र से भी 9 करोड़ रुपए का शेयर लिया गया है। इस बार लक्ष्य पूरा करने का रिकॉर्ड बनेगा।
कारण : फंड रिलीज नहीं या कम हुआ
विभाग के अनुसार, पिछली सरकारों में स्टेट शेयर (कैपिटल फंड व सब्सिडी फंड) रिलीज नहीं हुए या फिर कम रिलीज हुए हैं। 2012-13 से 2022-23 (28 फरवरी 2023) तक 11 सालों में 53800 लाभपात्री को ऋण देने का लक्ष्य था। 28700 लाख रुपए का ऋण दिया जाना था। लेकिन केवल 20729 लाभपात्रियों को 10465.87 लाख का ऋण ही दिया गया।
योजना : 25 लाख तक ऋण सुविधा
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं दिव्यांग बेरोजगार युवाओं को योजना के तहत खुद का उद्योग ,रोजगार शुरू करने के लिए केंद्र व पंजाब सरकार की तरफ से 10 लाख से लेकर 25 लाख रुपए तक ऋण प्रदान किया जाता है। योजना के तहत बेरोजगार युवाओ को उनकी जाति और इलाकों के अनुसार सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।
पिछली सरकारों ने स्टेट शेयर नहीं डाला, इसलिए लक्ष्य रह गए अधूरे
पिछली सरकारों में कॉर्पोरेशन की ओर से अपने रखे लक्ष्य प्राप्त नहीं किए जा सके, क्योंकि कॉर्पोरेशन को स्टेट शेयर (कैपिटल फंड व सब्सिडी फंडज) रिलीज नहीं किए गए। या फिर बहुत ही कम रिलीज किए गए हैं। अब आप सरकार ने 1 करोड़ रुपए का स्टेट शेयर डाला है, केंद्र से भी 9 करोड़ रुपए का शेयर लिया गया है। इस बार लक्ष्य पूरा करने का रिकॉर्ड बनेगा। – (डॉ. बलजीत कौर, मंत्री सामाजिक न्याय अधिकारिता व अल्पसंख्यक)
ऐसे कम होती गई स्टेट शेयर की हिस्सेदारी…2012-13 में राज्य सरकार ने 86.81 लाख की हिस्सेदारी दी। केंद्र ने 334.00 लाख का शेयर डाला। 2013-14 में सरकार ने 395.26 लाख की हिस्सेदारी दी। केंद्र ने 479.76 लाख रुपए का शेयर डाला। 2016-17 में राज्य सरकार ने फंड में बढोतरी कर 466.59 लाख रुपए की हिस्सेदारी दी।
केंद्र ने 564.50 लाख का शेयर डाला। लेकिन इसके बाद राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम ही होती गई। 2021-22 में राज्य सरकार ने 277.08 लाख रुपए की हिस्सेदारी दी। केंद्र ने 415.46 लाख का शेयर डाला। आंकडे बताते है कि 11 साल में राज्य सरकार ने 3475.59 लाख रुपए की हिस्सेदारी दी है। केंद्र सरकार का 4388.13 लाख रुपए शेयर रहा है। इसके आलावा नेशनल कॉर्पोरेशन की 2602.15 लाख रुपए की हिस्सेदारी थी।

