
पंजाब में टीबी के मरीजों को राहत देने के लिए सरकार द्वारा अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिवाइस AI (Qure.ai) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि ये सॉफ्टवेयर पहले कई प्राइवेट अस्पतालों में चल रहा है। टीबी के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में भी इसके इस्तेमाल करने जा रहा है।
यह सॉफ्टवेयर पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 7 जिलों के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में शुरू किया जाएगा। जिनमें लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, जालंधर, मानसा, रोपड़ और तरनतारन शामिल हैं। यह सुविधा उन क्षेत्रों को दी जा रही है, जहां मरीजों की संख्या ज्यादा है। मरीज का एक्स-रे करने वाले रेडियोलॉजिस्ट के मोबाइल में ये ऐप इंस्टॉल होगा। जिससे तुरंत टीबी के मरीज का पता लगाया जा सकेगा।
सॉफ्टवेयर से टीबी के बारे में तुरंत पता लगेगा
लुधियाना के टीबी अधिकारी ने बताया कि परियोजना खन्ना सिविल अस्पताल में शुरू हो चुकी है, जहां न तो रेडियोलॉजिस्ट है और न ही पल्मोनोलॉजिस्ट। यहां मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। “Qure.ai एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित चेस्ट एक्स-रे इंटरप्रिटेशन सॉफ्टवेयर है, जो टीबी के बारे में पता लगा सकता है और टीबी स्क्रीनिंग में मदद कर सकता है। यह सॉफ्टवेयर टीबी सहित पल्मोनरी पैथोलॉजी के निदान के लिए फायदेमंद साबित होगा।
लुधियाना के सरकारी अस्पतालों में 2 ही रेडियोलॉजिस्ट
जिले में रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। यहां केवल 2 सरकारी रेडियोलॉजिस्ट हैं, एक लुधियाना सिविल अस्पताल में और दूसरा समराला सिविल अस्पताल में। ऐसे में यह प्रोजेक्ट यहां बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।