
आउटसाेर्स पर 1080 कर्मचारियाें की भर्ती के लिए नगर निगम ने 92 करोड़ के सात टेंडर निकाले थे। मैनपावर की भर्ती से जुड़े सभी टेंडर गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जेम) पोर्टल पर ही फ्लोट किए जाते हैं। इसके लिए 136 कंपनियों ने बिडिंग की थी, लेकिन जेम पोर्टल की बदौलत सातों के सातों टेंडर एक ही कंपनी आरआर इंटरप्राइजेज को अलॉट हो गए, बाकी 135 कंपनियों को डिसक्वालिफाई कर दिया गया।
इनमें से ज्यादातर कंपनियों ने आरआर इंटरप्राइजेज की ही तरह टेंडर कॉस्ट पर 3.85 फीसदी सर्विस चार्ज कोट किया था। ऐसे में बाकी कंपनियों का सवाल है कि आरआर इंटरप्राइजेज लोएस्ट वन कैसे हो गई। कॉन्ट्रैक्टर्स ने सिंगल कंपनी को सातों टेंडर अलॉट करने की शिकायत निगम कमिश्नर ऑफिस से की है।
मंगलवार को ट्राईसिटी मैनपावर काॅन्ट्रैक्टर्स वेलफेयर एसाेसिएशन ने ईमेल के जरिए एडवाइजर काे शिकायत भेजकर एक कंपनी को फेवर करने के आरोप लगाए हैं। जेम पोर्टल पर सात में से चार टेंडर में सिंगल कंपनी ही क्वालिफाई मानी गई, जबकि 135 कंपनियाें काे डिसक्वालिफाई कर दिया गया।
किस आधार पर डिसक्वालिफाई किया यह नहीं स्पष्ट किया गया। जेम पाेर्टल पर बने काॅलम क्लैरिफिकेशन और चैलेंज/रिप्रेजेंटेशन पर जाकर ठेकेदार करेक्शन या जवाब दे सकते हैं। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। बाकी तीन टेंडर में छह, पांच और चार कंपनियों ने क्वालिफाई किया, लेकिन इनमें भी आरआर इंटरप्राइजेज काे लाेएस्ट वन शाे किया गया।
सभी टेंडर में आरआर इंटरप्राइजेज को कैसे चुन लिया गया?
ट्राईसिटी मैनपावर काॅन्ट्रैक्टर्स वेलफेयर एसाेसिएशन के प्रधान याेगेश राव ने बताया कि एसाेसिएशन के करीब 10-15 प्रतिनिधि बुधवार काे एडवाइजर और विजिलेंस सेक्रेटरी से मिलकर लिखित शिकायत देंगे। राव का कहना है कि उनकी कंपनी ने काेविड के दाैरान शहर में 450 मेडिकल, पैरामेडिकल (डाॅक्टर, स्टाफ नर्स, टेक्निशियन, सफाई कर्मचारी और सिक्याेरिटी गार्ड) मुहैया कराए थे।
प्रशासन और एमसी के विभागाें में आउटसाेर्स पर 1500 कर्मचारी तक की सर्विस दी है। कंपनी का टर्नअाेवर 100 कराेड़ सालाना है। ऐसे में उनकी कंपनी काे एमसी के सात टेंडर में से चार में कैसे डिसक्वालिफाई कर दिया गया।
जिन तीन में कंपनी ने क्वालिफाई किया उन सभी में आरआर इंटरप्राइजेज किस आधार पर लोएस्ट वन बन गई। ड्रॉ ऑफ लाॅट नहीं किया गया, क्योंकि ड्रॉ होता तो उन्हें सूचित किया जाता। उन्हाेंने भी बाकी कंपनियाें की तरह टेंडर काॅस्ट पर 3.85 फीसदी सर्विस चार्ज ही काेट किया था।
पहले टेंडर ड्रॉ ऑफ लाॅट पर अलाॅट हाेते थे… उनके 2021 से पहले तक 0.1 फीसदी और 2022 में 0.85 फीसदी सर्विस चार्ज पर भी टेंडर अलाॅट थे। पहले टेंडर ड्रॉ ऑफ लाॅट पर अलाॅट हाेते थे। प्रशासन ने जनवरी 2023 में टेंडर काॅस्ट पर सर्विस चार्ज 3.85 फीसदी कर दिया है। अब भी सेम रेट काेट करने पर टेंडर ड्रॉ ऑफ लाॅट से अलाॅट हाेते हैं। आउटसाेर्स मैनपावर सर्विस देने के टेंडर में ऐसा काेई क्राइटेरिया नहीं है कि बगैर ड्रॉ ऑफ लाॅट के ही लाेएस्ट वन चुन लिया जाए।
ज्यादा बिडर लोएस्ट वन हों तो जेम पोर्टल खुद चुनता है एक को…
मैनपावर से जुड़े सभी टेंडर जेम पोर्टल पर फ्लोट किए जाते हैं। ऐसे में जब एक से ज्यादा बिडर्स लोएस्ट वन हों, तब जेम पोर्टल खुद ब खुद ऑटो रन प्रोसेस चलाता है और एक लोएस्ट वन बिडर को सेलेक्ट कर लेता है। इस चयन में नगर निगम का कोई लेना देना नहीं है। अनिंदिता मित्रा, कमिश्नर नगर निगम
चेक करवाएंगे गड़बड़ी कहां
इस मामले की बुधवार काे अफसरों से जानकारी मांगी जाएगी कि जेम पाेर्टल पर एक ही कंपनी काे कैसे क्वालिफाई मानकर सातों टेंडर अलाॅट किए गए। गड़बड़ी जेम पाेर्टल पर हुई है या एमसी में, इसका पता करवाएंगे।

