इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने सहारनपुर में तैनात रहीं डाक्टर प्रियंका गर्ग को राहत दी. बता दें डाक्टर ने छुट्टी नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया था.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (फोटो-एबीपी)
UP News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ ( Lucknow ) पीठ ने शुक्रवार को उस महिला डॉक्टर को राहत प्रदान की, जिसने दमा से ग्रस्त अपनी बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया था. पीठ ने महिला डॉक्टर के खिलाफ शुरू की गई विभागीय कार्रवाई को दरकिनार करते हुए निर्देश दिया कि डॉक्टर द्वारा इस्तीफा देने की तिथि को उसका इस्तीफा स्वीकार माना जाए और विभाग उसे सेवा के सभी लाभ प्रदान करे.
कोर्ट ने क्या कहा
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ ने सहारनपुर में तैनात रहीं डाक्टर प्रियंका गर्ग की याचिका पर यह आदेश पारित किया. पीठ ने कहा कि कामकाजी महिलाओं का देर-सवेर उत्पीड़न किया जा रहा है और यह मौजूदा मामले से स्पष्ट है. प्रियंका गर्ग ने अपनी बीमार बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी के वास्ते आवेदन किया था और जब उनके आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो उन्होंने 24 फरवरी, 2020 को इस्तीफा दे दिया. हालांकि, विभाग ने गर्ग का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और इसके बजाय ड्यूटी से गैर हाजिर रहने के लिए उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी. गर्ग के वकील गौरव महरोत्रा ने दलील दी कि विभाग की कार्रवाई ‘‘अमानवीय और उत्पीड़न’’ वाली है.
ये है मामला
दरसल वकील गौरव महरोत्रा ने दलील थी कि डाक्टर प्रियंका गर्ग की बेटी को अस्थमा से पीड़ित है. डाक्टर प्रियंका गर्ग सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में तैनात थीं. उन्होंने अपनी बेटी की बिमारी में उसकी देखरेख करने के लिए अस्पताल में छुट्टी के लिए अप्लाई किया. लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी गई. लेकिन उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई. बल्कि उन्हें जुलाई 2019 से सितंबर 2019 के बीच सैलरी नहीं दी गई. इसके बाद उन्हें जनवरी 2020 से फरवरी 2020 के बीच भी वेतन नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया. इतना ही नहीं उसके खिलाफ विभागिय जांच शुरू कर दी गई.