
सेक्टर-16 के गवर्नमेंट मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की शॉप नंबर-6 में चल रही केमिस्ट शॉप की 30 साल तक गैरकानूनी तरीके से लीज बढ़ाने के मामले में आखिरकार विजिलेंस ने केस दर्ज कर लिया है। यूटी विजिलेंस ने फिलहाल अज्ञात पर आईपीसी की धारा 406, 419, 420, 120बी और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(1)(बी)(2) के तहत केस दर्ज किया है। जांच में अफसरों की भूमिका का पता लगाया जा रहा है। जिन अफसरों का रोल सामने आएगा उनका नाम एफआईआर में शामिल कर दिया जाएगा।
28 दिसंबर 1992 को यूटी प्रशासन ने सेक्टर-16 अस्पताल की शॉप नंबर-6 को 2 साल के लिए लीज पर दिया था। उस वक्त अलॉटमेंट लेटर में लीज डीड बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन इस दुकान की लीज लगातार बढ़ती चली गई। 2 साल के लिए किराए पर दी गई ये दुकान 30 साल तक एक ही दुकानदार को लीज पर मिलती चली गई।
अभी भी ये दुकान 2024 तक उसी दुकानदार के पास है। आखिरी बार 2019 में इसकी लीज 5 साल के लिए बढ़ाई गई थी, लेकिन इसे एक्सटेंशन देने से संबंधित फाइल ही गायब कर दी गई। विजिलेंस जांच कर रही है कि इतनी अहम फाइल कैसे गायब हुई और इस दुकानदार को फायदा पहुंचाने में किन अफसरों की भूमिका थी। इस दुकानदार को किराए में भी फायदा पहुंचाया गया। इस समय हॉस्पिटल की बाकी दुकानों का किराया 17.01 लाख प्रतिमाह है जबकि ये दुकानदार 2.34 लाख रुपए ही दे रहा है।
12 साल तक पब्लिक पैसेज पर कब्जा… दुकानदार ने करीब 12 साल तक पब्लिक पैसेज पर कब्जा कर अपनी दुकान का एरिया बढ़ा रखा था। दुकान के साथ में एक पब्लिक पैसेज था जिसे दुकानदार ने बंद कर वहां अपनी दुकान बढ़ा दी थी। करीब 3 महीने पहले प्रशासन की ओर से सख्ती कर दुकानदार का कब्जा हटाया और वहां लोगों के लिए रास्ता बनाया गया।
हालांकि प्रशासन को कब्जा हटवाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। कब्जा खाली करने से पहले ही दुकानदार ने कोर्ट से स्टे ले ली थी, लेकिन बाद में फैसला प्रशासन के हक में आया था। जिसके बाद 15 फरवरी को प्रशासन ने कब्जे वाला एरिया खाली करवाकर वहां पब्लिक पैसेज बनवा दिया था।

