34.8 C
Jalandhar
Friday, July 11, 2025
spot_img

‘जिसको चौपाई बोलना नहीं आता वो भी…’, स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस पर बयान से बवाल, हिंदू से मुसलमान तक, किसने क्या कहा?

स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए बयान पर विवाद बढ़ गया है. सपा नेता के बयान पर सिर्फ हिंदू ही नहीं मुसलमानों की भी प्रतिक्रिया आई है. जानिए किसने कहा है.

ramacharitmanas row swami prasad maurya statement hindu muslim oppose read full 'जिसको चौपाई बोलना नहीं आता वो भी...', स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस पर बयान से बवाल, हिंदू से मुसलमान तक, किसने क्या कहा?

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ( Image Source : ABP )

Swami Prasad Maurya On Ramcharitmanas: रामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी करने वालों में अब नया नाम सपा नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य का जुड़ा है. स्वामी प्रसाद मौर्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह यह कहते नजर आ रहे हैं कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया. उन्होंने यह कहा कि ऐसी पुस्तकों से इन दोहों चौपाइयों को हटाना चाहिए या फिर इन्हें प्रतिबंधित करना चाहिए.

स्वामी प्रसाद मौर्य एक निजी चैनल पर बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों का हवाला देते हुए बताया कि ब्राह्मण चाहे गुणहीन ही हो, उसकी पूजा करनी चाहिए. वहीं, शूद्र चाहे वेद भी जानता हो वह पूजनीय नहीं है. क्या यही धर्म है? करोड़ों लोग रामचरितमानस को नहीं गाते हैं. मौर्य के बयान के बाद विरोध भी शुरू हो गया है. बयान को लेकर कई लोगों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है.

‘सपा में आने के बाद जानबूझकर एजेंडे के तहत’
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीजेपी नेता राकेशधर त्रिपाठी ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्या जब तक भारतीय जनता पार्टी में थे तब तक कभी भी उनके मुंह से कोई बदजुबानी नहीं सुनी लेकिन जब से समाजवादी पार्टी के साथ गए तो जानबूझकर समाजवादी पार्टी के एजेंडे के तहत हिंदुओं को अपमानित करने के लिए और तुष्टिकरण करने के लिए आज वो रामचरितमानस का इस तरह से विरोध करने का काम कर रहे हैं.

अपर्णा यादव ने क्या कहा
स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान पर अपर्णा यादव ने कहा, राजनीति गर्म करने के लिए ऐसी टिप्पणी जो कर रहा है, वह अपना ही चरित्र दिखा रहा है. शबरी के जूठे बेर खाकर श्रीराम ने कास्ट बैरियर को तोड़ा. राम भारत का चरित्र हैं और राम किसी एक धर्म या मजहब के नहीं हैं.

यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य को जनता ने नकार दिया है. वे चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा बयान देते हैं. इसका कोई महत्व नहीं है.

अयोध्या के संतों की खरी-खरी
मौर्य के बयान पर अयोध्या के संतों ने भी खरी-खरी सुनाई है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, रामायण में किसी भी व्यक्ति या जाति के उत्पीड़न की बात नहीं है. यह पूजनीय ग्रंथ है. जगतगुरु परमहंस दास ने भी इसका विरोध किया है. जिसको चौपाई बोलना नहीं आता है, वह भी रामचरितमानस पर टिप्पणी कर रहा है.

मुसलमानों ने भी किया विरोध
रामचरितमानस पर मौर्य का टिप्पणी का सिर्फ हिंदू ही नहीं मुसलमानों ने भी विरोध किया है. मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, स्वामी प्रसाद का बयान मजम्मत करने वाला है. चाहे गीता हो, रामायण हो या फिर कुरान या बाइबल, किसी भी धर्म की पुस्तक पर बोलने से पहले उसे जानकारों से उस बारे में पूछना चाहिए. अब्बास ने मौर्य के बयान को सस्ती लोकप्रियता पाने की कोशिश बताया.

अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को सनातनियों का अपमान बताते हुए कहा, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महासभा ने सोमवार (23 जनवरी) को मौर्य के खिलाफ प्रदर्शन का आह्वान किया है.

सपा में भी विरोध
मौर्य का बयान का सपा में भी विरोध हो रहा है. सपा नेता और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “छद्म समाजवादी स्वामी प्रसाद मौर्य जी को लोहिया जी के समाजवाद को पढ़ना चाहिए जो समाजवाद और श्रीराम में सामंजस्य देखते हैं. साथ ही इस बात का भी स्पष्टीकरण देना चाहिए अभी तक अपनी बेटी को उन्होंने समाजवाद रास्ता क्यों नहीं दिखाया या वो भी अवसर आने पर.”

Related Articles

Stay Connected

2,684FansLike
4,389FollowersFollow
5,348SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles