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Wednesday, July 30, 2025
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China Taiwan Clash: जर्मनी के सांसद पहुंचे ताइवान तो तिलमिलाया चीन, ड्रैगन ने 57 फाइटर जेट्स के साथ दी वॉर्निंग, क्या अब छेड़ देगा युद्ध

China Angry With Taiwan: ड्रैगन ने बड़ा एक्शन लिया है. चीन ने 57 फाइटर जेट्स के साथ अभ्यास कर ताइवान के सख्त वॉर्निंग दी है.

China angry with Taiwan sent 57 fighter jets after German MPs arrival is china ready for war China Taiwan Clash: जर्मनी के सांसद पहुंचे ताइवान तो तिलमिलाया चीन, ड्रैगन ने 57 फाइटर जेट्स के साथ दी वॉर्निंग, क्या अब छेड़ देगा युद्ध

चीन ताइवान की तनातनी (फोटो- फाइल PTI)

China Taiwan Clash: चीन और ताइवान में फिर ठन गई है. इस बार वजह है जर्मनी के सांसदों का ताइवान का दौरा करना. दरअसल सोमवार को जर्मनी के सांसदों का एक समूह ताइवान पहुंचा और इससे ड्रैगन तिलमिला गया है. ड्रैगन ने इसको लेकर एक बड़ा एक्शन लिया है. चीन ने 57 फाइटर जेट्स के साथ अभ्यास कर ताइवान के सख्त वॉर्निंग दी है.

चीन ने किया बड़े स्तर पर अभ्यास
चीन की सेना ने रविवार को बड़े स्तर पर संयुक्त लड़ाकू अभ्यास किए और ताइवान की ओर युद्धक विमान तथा नौसैनिक पोत भेजे. चीन और ताइवान, दोनों के रक्षा मंत्रालयों ने यह जानकारी दी. चीन ने 57 फाइटर जेट्स के साथ अभ्यास कर ताइवान के सख्त वॉर्निंग दी है.

सोमवार को जर्मनी के सासंद पहुंचे थे ताइवान
बता दें कि चीन ने ऐसे वक्त में ताइवान को वार्निंग दी है जब जर्मनी के सांसद ताइवान पहुंचे थे.  जर्मनी के सांसदों का एक समूह सोमवार को ताइवान पहुंचा था.  इस समूह की अगुवाई जर्मनी की संसद की रक्षा समिति की प्रमुख मैरी एग्नेस स्ट्रैक जिमरमेन कर रही हैं.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय का बयान

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन की इस हरकत पर सख्त नाराजगी जताई है. मंत्रालय ने कहा, ”चीन की हरकत ने ताइवान जलडमरूमध्य में और आसपास के जल क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बुरी तरह प्रभावित किया है.”

तीन साल में चीन ने समुद्री और हवाई इलाकों में बढ़ाए युद्धाभ्यास

चीन ने ताइवान को अपने देश में मिलाने के लिए कभी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन बीते तीन सालों में पीएलए ने समुद्री और हवाई सीमा में लगातार सैन्य युद्धाभ्यासों को अंजाम दिया है. चीन ने बीते महीने भी ऐसे ही एक युद्धाभ्यास को अंजाम दिया था. जिसमें पीएलए के 43 विमानों ने ताइवान की मीडियन लाइन लांघी थी. बीते साल अगस्त में अमेरिका की राजनेता नैंसी पेलोसी के ताइवान आने के दौरान भी चीन ने इसी तरह का माहौल बनाया था.

वहीं, ताइवान चीन के तमाम दावों को पुरजोर तरीके से खारिज करते हुए खुद को एक स्वतंत्र देश बताता रहा है. ताइवान का कहना है कि इस द्वीप के 23 मिलियन लोग ही इसका भविष्य तय कर सकते हैं. बता दें कि ताइवान को मिले अमेरिकी समर्थन और हथियारों की खरीद पर चीन भड़का हुआ है. वहीं, अमेरिका के ताइवान के साथ कोई कूटनीतिक रिश्ते नहीं हैं, लेकिन वो द्वीप को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन के साथ हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर है.

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