
लुधियाना के ग्यासपुर में हुए गैस कांड की मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट बुधवार को जिला प्रशासन ने पंजाब सरकार को सौंप दी है। प्राथमिक जांच में 11 लोगों की मौतों का कारण कार्बन मोनोऑक्साइड व हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैसों को बताया है।
यह गैस सीवरेज में इतनी ज्यादा मात्रा में कैसे बनी, इसके कारण की जांच चंडीगढ़ की सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईओ) के साइंटिस्ट कर रहे हैं। राज्य के वित्तीय आयुक्त राजस्व को डीसी सुरभि मलिक ने दो पेज से अधिक की प्रारंभिक रिपोर्ट दी है।
इस रिपोर्ट में फैक्ट्रियों को क्लीन चिट दी गई। रिपोर्ट में कहा है कि यह हादसा फैक्ट्री की किसी केमिकलयुक्त गैस के कारण नहीं हुआ है। इंडस्ट्रियल वेस्ट की वजह से सीवरेज में गैस बनी हो, अभी ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है।
सीवरेज की सही तरीके से वेंटिलेशन नहीं हो सकी और वहां बनी कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड की अचानक लीकेज के कारण यह हादसा हुआ। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिस क्षेत्र में यह हादसा हुआ, वहां सीवरेज सिस्टम की व्यवस्था सही नहीं है।
नियमानुसार सीवरेज सिस्टम की पाइपिंग के दौरान लगभग एक किलोमीटर के दायरे में अलग अलग प्वाइंट पर वेंटिलेशन के लिए चिमनी बनाई जानी चाहिए, जो कि इस क्षेत्र में कहीं नहीं बनाई गई। इस कारण सीवरेज में जहरीली गैस जमा होती रही। घरों के बाथरूम से यह गैस अचानक निकली थी।
सीवरेज पर प्रशासन को जल्द काम करने की जरूरत
रिपोर्ट में संबंधित क्षेत्र में विशेष अभियान के तहत सीवरेज के विभिन्न प्रोजेक्टों का रिव्यू करने के लिए कहा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक किस एरिया में सीवरेज कब और कितने समय पर नया बनाने या इसके मरम्मत करने की जरूरत है, इस पर स्थानीय प्रशासन को जल्द काम शुरू कर देना चाहिए।
वहीं, इस हादसे के बाद राज्य सरकार ने मृतकाें के परिजनों को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा थी। इस पर एनजीटी ने 20-20 लाख मुआवजा देने के आदेश दिए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अब एनजीटी के निर्देश पर 18-18 लाख और दिए जाएंगे।

