
पंजाब के हजारों करोड़ रुपए के ड्रग्स मामले में फरार AIG राजजीत सिंह को पकड़ने में इंटेलिजेंस सिस्टम भी विफल साबित हो रहा है। लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद भी पुलिस और अन्य यूनिट्स राजजीत को तलाशने में नाकाम है।
राजजीत के खिलाफ आपराधिक साजिश, रिकॉर्ड में हेराफेरी व जबरन वसूली की धाराओं के तहत केस दर्ज है। उसकी धरपकड़ में किसी प्रकार की कोई गुंजाइश बाकी न रहे, इसके लिए सरकार ने उसका लुकआउट सर्कुलर तक जारी किया। यहां तक कि CM भगवंत मान ने स्वयं ऑन कैमरा मामले में कार्रवाई बारे जानकारी दी। बावजूद इसके पंजाब की सभी एजेंसी व समूचा इंटेलिजेंस सिस्टम राजजीत सिंह की लोकशन का पता नहीं लगा सका है।

ड्रग्स मनी से अर्जित संपत्ति का भी खुलासा नहीं
CM मान के आदेश पर विजिलेंस राजजीत सिंह की ड्रग्स मनी से अर्जित संपत्ति का पता लगाने की जांच में जुटी है, लेकिन फिलहाल तक यह खुलासा नहीं किया गया है कि किन-किन जगहों पर उसकी कितनी संपत्ति है। आरोपी की चल-अचल संपत्ति का पता लगाने के लिए फिलहाल विजिलेंस टीम रिकॉर्ड जुटा रही है।
गिरफ्तार इंस्पेक्टर का किया बचाव
दरअसल, साल 2017 में इंस्पेक्टर इंद्रजीत को हथियार व ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके घर की तलाशी में AK-47, 4 किलो हेरोइन, 3 किलो स्मैक का नशा और अन्य देसी हथियार बरामद किए गए थे। इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। इसी मामले में AIG राजजीत सिंह पर बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत का बचाव करने, गलत रिकॉर्ड पेश करने के आरोप हैं। साथ ही बरामद नशा सामग्री से छेड़छाड़, इंद्रजीत को प्रमोशन देने और ड्रग्स मामले में बचाव के प्रयास के आरोप भी हैं।
15 दिन में रिपोर्ट सौंपेंगे ADGP
जेल में बंद बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत और AIG राजजीत सिंह के संबंधों की जांच के लिए ADGP आरके जायसवाल की अध्यक्षता गठित SIT को रिपोर्ट पेश करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। आधा महीना बीत चुका है, लेकिन फिलहाल SIT की जांच जारी है। स्पष्ट है कि करीब 15 दिन के अंदर जांच टीम राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
STF की तलाश रही अधूरी
AIG राजजीत सिंह का लुकआउट सर्कुलर जारी किए जाने के बाद STF द्वारा उसकी तलाश के लिए विभिन्न जिलों में छापेमारी की गई। लेकिन उसका कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है। विजिलेंस ने आरोपी राजजीत और इंद्रजीत सिंह के सर्विस रिकॉर्ड को भी कब्जे में लिया है, लेकिन राजजीत के अब तक पकड़े नहीं जाने से यह सवाल भी उठे हैं कि यदि राज्य सरकार मामले में की गई कार्रवाई की सूचना सार्वजनिक न करती तो उसे पकड़ना कोई चुनौती न बनता।
राजजीत और इंद्रजीत की 2012 से 2017 तक एक साथ तैनाती
आरोपी AIG राजजीत सिंह और इंस्पेक्टर इंद्रजीत की पोस्टिंग कई जगहों पर एक साथ रही। साल 2012 से 2017 तक जिन जगहों पर राजजीत सिंह की तैनाती हुई, उसने इंद्रजीत सिंह को अपने साथ रखा। राजजीत सिंह सिफारिशी लेटर लिख कर इंद्रजीत की ट्रांसफर करवाता रहा है। दोनों गुरदासपुर, तरनतारन, मोगा और जालंधर में एक साथ तैनात रहे हैं।

