
सिटी के बाजारों और मुख्य चौकों के पास अवैध पार्किंग और दुकानदारों के किए गए कब्जे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन चुके हैं। सिटी की सबसे व्यस्त रहने वाली श्रीराम (कंपनी बाग) चौक से लेकर जेल चौक तक की सड़क पर दुकानदारों के कब्जे हैं।
दोपहिया वाहन विक्रेताओं ने आधी से ज्यादा सड़क पर वाहन खड़े कर रखे हैं। ट्रैफिक पुलिस और निगम की टीम भी महज खानापूर्ति करके निकल जाती है। रेहड़ी-फड़ी वालों का सामान उठाकर जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी जाती है।
कई बार ऐसे लोग निगम टीम का भी विरोध कर चुके हैं, लेकिन अली पुली मोहल्ला के पास आधी सड़क घेरकर खड़े किए गए बाइक-स्कूटर आदि पर कोई कार्रवाई नहीं होती। जैसे ही निगम टीम आती है तो कुछ समय के लिए वाहन हटाए जाते हैं और टीम के थोड़ा आगे जाते ही तुरंत वैसे ही हालात हो जाते हैं।
इसी तरह डाॅ. अंबेडकर चौक, लवकुश चाैक में अवैध तरीके से खड़े वाहन ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं। निगम और ट्रैफिक पुलिस की तरफ से काेई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। इस संबंध में टैक्स सुपरिंटेेंडेंट मनदीप सिंह ने कहा कि निगम का ट्रैफिक पुलिस के साथ अतिक्रमण हटाने काे संयुक्त अभियान चलाया जाता है। यहां तक अतिक्रमण काे लेकर लाेगाें के चालान भी किए जाते हैं।
निगम की पार्किंग खाली, सड़कों पर खड़े रहते हैं वाहन
सिटी में निगम की लगभग 20 पार्किंग की जगह खाली है। निगम ने करीब छह बार ई आॅक्शन भी निकाली, लेकिन कोई काॅन्ट्रैक्टर नहीं मिलता। वर्षाें से पार्किंग खाली हाेने से निगम काे राजस्व हानि हाे रही है। वहीं स्मार्ट सिटी में 42 करोड़ रुपए से मल्टीलेवल वाहन पार्किग बनाई जानी थी, लेकिन नए काम काे मंजूरी नहीं मिलने से लटक गया है।
माॅडल टाउन में पार्किंग का सर्वे भी लटका
माॅडल टाउन में निगम ने ब्लाॅकेज पार्किंग खाेलने काे सर्वे का काम शुरू कराया था, लेकिन बिल्डिंग ब्रांच की सर्वे रिपाेर्ट में माॅडल टाउन में ब्लाॅकेज पार्किंग ही नहीं मिली। माॅडल टाउन में लाेगाें ने काॅमर्शियल पार्किंग का उपयाेग दूसरे कार्य में किया जा रहा है। इसके लिए कमिश्नर ने सर्वे के बाद नाेटिस जारी करने के अादेश दिए थे, अधिकारियाें के ढुलमुल रवैये की वजह से सिरे नहीं चढ़ सका।

