
हरियाणा में पिछले दिनों ब्यूरोक्रेसी में हुए फेरबदल में जिले में प्रशासनिक व्यवस्था संभालने वाले डीसी के बाद नंबर-2 एडीसी की पोस्ट पर आईएएस अफसरों को प्राथमिकता दी गई है। इससे एचसीएस अफसरों के हाथ से उनकी कैडर एडीसी की पोस्ट निकल गई है।
अभी एडीसी की 22 में से 15 पोस्ट एचसीएस कैडर के लिए निर्धारित हैं, लेकिन एचसीएस अफसरों को 3 पोस्ट ही मिली हुई हैं। एडीसी की पोस्ट पर सिलेक्शन ग्रेड या सुपर स्केल ग्रेड या 9 वर्ष से अधिक के सेवाकाल वाले एचसीएस अफसरों की नियुक्ति की जाती है। अभी पानीपत, पंचकूला और रोहतक जिले में ही एडीसी के पद पर एचसीएस अधिकारी तैनात हैं।
कार्यकाल 6 माह का भी नहीं, फिर भी एडीसी लगा दिया गया
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि 25 अक्टूबर 2022 को नॉन-एचसीएस कोटे से 4 आईएएस बनाए गए थे। इनमें डॉ. विवेक भारती, डॉ. हरीश कुमार वशिष्ट, डॉ. जैन्द्र सिंह छिल्लर और डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रंगी शामिल हैं।
ये चारों एडीसी के पद पर हैं। लेकिन इनकी आईएएस की सेवा को 6 माह भी नहीं हुए हैं। बेशक इन चारों को दिसंबर, 2022 में केंद्र सरकार (डीओपीटी) द्वारा आईएएस का 2016 बैच दिया गया है, जिससे वरिष्ठता की दृष्टि से इन चारों को वर्तमान में सात वर्ष की आईएएस सेवा का लाभ प्राप्त होता। लेकिन उक्त चारों का प्रोबेशन पीरियड भी पूरा नहीं हुआ है, जाे एक साल का होता है। सीधी भर्ती से चयनित आईएएस को प्रोबेशन अवधि पूरी होने के बाद ही एडीसी लगाया जाता है।

