
आमजन को कई बार पुलिसकर्मियों की गलत कार्रवाई के कारण परेशान होना पड़ता है। चंडीगढ़ में भी अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है। चंडीगढ़ पुलिस ने दो बच्चों के पिता को नाबालिग दिखा दिया। पुलिस ने नाबालिग दिखा उनका अंडर एज ड्राइविंग का चालान तक कर दिया।
पुलिस की इस गलत कार्रवाई का निशाना मूल रूप से यूपी के जिला प्रतापगढ़ एवं वर्तमान में चंडीगढ़ के सेक्टर-52 में स्कूटर मैकेनिक का काम करने वाला राजू बना। मामला उस समय उजागर हुआ जब पीड़ित राजू ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कोर्ट ने रद्द किया चालान
स्कूटर मैकेनिक राजू ने कोर्ट को अपनी जन्मतिथि 1 जनवरी 1990 बताई। उन्होंने अपनी उम्र 33 वर्ष होने के साथ ही कोर्ट को अपना जन्म प्रमाण पत्र भी दिखाया। कोर्ट ने प्रस्तुत जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस द्वारा किए गए अंडर एज ड्राइविंग के चालान को रद्द कर दिया। हालांकि अन्य प्रकार के ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना पर राजू को 3 हजार रुपए का जुर्माना भरने के आदेश दिए गए हैं।
स्कूटर को ले जा रहा था राजू
याचिकाकर्ता के वकील सुदेश कुमार ने बताया कि राजू मार्च 2023 में रिपेयर के लिए एक स्कूटर को पैदल अपनी वर्कशॉप ले जा रहा था। उसी दौरान पुलिस ने राजू को रोक कर उसका स्कूटर सेक्टर-61 पुलिस चौकी में जब्त करते हुए उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने व अंडर एज ड्राइविंग समेत अन्य ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान कर दिया।
याचिकाकर्ता के पास गाड़ी की RC मौजूद
वकील ने कहा कि पुलिस ने राजू के स्कूटर को गलत तरीके से जब्त किया है। क्योंकि उसकी गाड़ी का पंजीकरण सर्टिफिकेट (RC) और बीमा था। लेकिन चालान करने वाले पुलिस अधिकारी ने इसे अनदेखा कर दिया। उन्होंने कहा कि राजू गाड़ी चलाने के बजाय उसे पैदल ले जा रहा था। बावजूद इसके उसका ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने पर चालान किया गया। साथ ही अंडर एज ड्राइविंग का भी चालान किया गया।
क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट
मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार, यदि कोई कम उम्र (अंडर एज ) व्यक्ति सड़क पर गाड़ी चलाते पाया जाता है, तो उसके मां-पिता या अभिभावक को 3 साल तक की जेल और 25 हजार रुपए का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा ड्राइविंग करने वाला व्यक्ति 25 वर्ष की आयु तक अपना ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकेगा।

