UP Nikay Chunav 2023: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में NDA सरकार दलित-पिछड़ों व आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है.

(केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल) ( Image Source : PTI )
Uttar Pradesh News: यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav 2023) को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. इस बीच अनुसूचित जाति को साधने की कोशिश में सियासी पार्टियां जोर आजमाईश में लगी हुई हैं. जहां बसपा मुस्लिम-अनुसुचित जाति समीकरण बनाकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है तो वहीं मायावती के कोर वोट बैंक पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भी नजर है. वहीं अब बीजपी भी उसी वोटबैंक में सेंधमारी करने की कोशिश में है. बसपा दलितों और अनुसुचित जाति को समझाने में लगी है कि बीजेपी को रोकने के लिए उनका साथ आना जरूरी है. इसके लिए बसपा प्रमुख मायावती ने कार्यकर्ताओं को खुद निर्देश दिए हैं.
वहीं अब केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दावा किया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दलितों-पिछड़ों और आदिवासियों के लिए लगातार काम कर रही है. निकाय चुनाव से पहले अनुप्रिया की बात अखिलेश यादव के सियासी दांव के काट के तौर पर देखी जा रही है. अब देखना होगा कि अनुप्रिया का ये सियासी दांव एनडीए को कितनी बढ़त दिला सकता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि सभी दल दलित-अनुसुचित जाति वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए एंडी चोटी का जोर लगा रहे हैं.
क्या कहा अनुप्रिया पटेल ने
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आज एक ट्वीट में कहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में NDA सरकार दलित-पिछड़ों व आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों में उद्मशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना ‘स्टैंडअप इंडिया’ के 7 वर्ष सफलता पूर्वक पूरे होने पर प्रधानमंत्री का बहुत बहुत आभार. इस योजना के अंतर्गत 1 लाख 80 हजार से अधिक महिला उद्यमियों को 40,600 करोड़ रूपये से अधिक ऋण दिया गया है.
गेस्ट हाउस कांड को लेकर निशाना
वहीं बीजेपी गेस्ट हाउस कांड को लेकर सपा पर निशाना साध रही है. पार्टी दलितों को यह बताने की तैयारी में है कि गेस्ट हाउस कांड के दौरान बीजेपी ने किस तरह मायावती को सपा कार्यकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाकर उनकी जान बचायी थी. विधानसभा चुनाव 2022 के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद अब बसपा इसबार निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. यही वजह है कि पार्टी अपने नीचे गए ग्राफ को फिर से उपर लाने की पूरी कोशिश कर रही है. जिन सीटों पर अनुसुचित जाति और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है पार्टी वहां उन्हें साथ लाने की कोशिश में है.

