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Monday, November 10, 2025
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पंजाब में विजिलेंस का बड़ा एक्शन:गमाडा जमीन एक्वायर घोटाले में 7 गिरफ्तार; अधिकारियों ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स से किया करोड़ों का घपला

फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar
फाइल फोटो।

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA) में करोड़ों रुपए के घोटाले से पर्दा हटाया है। इस मामले में 7 गिरफ्तारियां भी की गई हैं। दरअसल, साल 2016 से 2020 के दरमियान राज्य के बागबानी और राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के साथ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन एक्वायर करने के दौरान करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया।

विजिलेंस ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में FIR 16 में IPC की धारा 409, 420, 465, 466, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1) (ए), 13 (2) के अंतर्गत मोहाली में केस दर्ज किया गया है। केस में मुख्य दोषी भूपिंद्र सिंह निवासी बाकरपुर ज़िला मोहाली समेत मुकेश जिंदल, शमन जिंदल पत्नी मुकेश जिंदल, प्रवीण लता पत्नी चंचल कुमार जिंदल, दोनों निवासी मॉडल टाउन बठिंडा, विशाल भंडारी निवासी सेक्टर 40-डी, चंडीगढ़, सुखदेव सिंह निवासी बाकरपुर, बिंदर सिंह निवासी सैक्टर 79, मोहाली और बचित्तर सिंह पटवारी, राजस्व हलका बाकरपुर (मौजूदा कानूनगो) SAS नगर को गिरफ्तार किया गया है।

जल्द होंगी और गिरफ्तारियां
विजिलेंस इस मामले में कुछ और की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जिनमें बाग़बानी विभाग के कर्मचारी जसप्रीत सिंह, वैशाली, दिनेश कुमार, रश्मि अरोड़ा, अनिल अरोड़ा, विशाल भंडारी आदि का नाम शामिल है। जिससे कई और अहम खुलासे भी सामने आ सकते हैं।

ऐसे सामने आया घोटाला
एक शिकायत की जांच के दौरान विजिलेंस ब्यूरो ने पाया है कि साल 2016 में गमाडा ने SAS नगर जिले के अलग- अलग गांवों से सम्बन्धित जमीन एक्वायर करने के लिए नोटिस जारी किए गए। साल 2017 में धारा 4 और 2020 में धारा 19 के अधीन नोटिफिकेशन जारी किए थे।

बाकरपुर के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर भूपिंदर सिंह ने GMADA, राजस्व और बागबानी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर अपने अन्य साथियों अनिल जिंदल, मुकेश जिंदल, विकास भंडारी आदि के साथ मिलकर कृषि योग्य जमीन के पट्टेनामे व मुख़त्यारनामा लेकर अमरूदों के बाग लगा दिए। उक्त दोषियों ने हलका पटवारी बचित्तर सिंह की मिलीभगत के साथ साल 2019 में जाली गिरदावरी रजिस्टर तैयार करवाया। जिसमें उसने 2016 से अपनी जमीन पर अमरूद के बागों के मालिक बता कर नाजायज तौर पर करोड़ों रुपए का मुआवजा हासिल किया।

उन्होंने आगे बताया कि गहराई से पड़ताल दौरान यह पाया गया कि इस केस के मुख्य दोषी भूपिंदर सिंह ने खुद और अपने पारिवारिक सदस्यों के लिए इसी अमरूदों के बाग के लिए लगभग 24 करोड़ का मुआवजा लिया। इसी तरह ही बठिंडा के निवासी मुकेश जिंदल ने अमरूदों के बाग के लिए करीब 20 करोड़ रुपए का मुआवजा लेकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की है।

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