
गलत जानकारी देकर सामाजिक-आर्थिक आधार पर पांच अंक लेना 1000 से अधिक हरियाणा के युवाओं को भारी पड़ गया है। इनकी विभिन्न विभागों में सिलेक्शन तो हो गई, पर ज्वाॅइनिंग से पहले बाहर कर दिया गया है। अब जो भी भर्तियां होंगी, उनमें सामाजिक-आर्थिक आधार पर अंकों का लाभ लेने वाले युवाओं की पहले जांच होगी। टीजीटी भर्ती में नए नियम लागू किए गए हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि पुलिस विभाग में सबसे अधिक 478 गलत सिलेक्शन हुई हैं।
युवाओं की दलील- कैफे वालों ने गलत जानकारी भर दी
गलत तरीके से 5 अंक लेने युवा अब आयोग के ऑफिस पहुंच रहे हैं। उनकी दलील है कि कैफे वाले ने गलत जानकारी भर दी। इसमें उनका कोई कसूर नहीं है। मेरिट लिस्ट में उनके 74 अंक हैं, यदि 5 अंक काट दिए जाएं तो भी वे नौकरी के लिए अयोग्य नहीं हो सकते, लेकिन आयोग का दो टूक जवाब है कि युवाओं ने चीटिंग की है। इस कारण नौकरी से बाहर किया जा रहा है। इससे योग्य उम्मीदवारों को भी नुकसान हुआ है।
1.68 लाख युवा नहीं कर पाए दावे को वेरीफाई… सीईटी पास करने वाले 3.57 लाख युवाओं में से 2.68 लाख ने इन पांच अंकों का लाभ लेने के लिए दावा किया है, इनमें से 1.68 लाख युवा अभी तक वेरिफाई नहीं कर पाए हैं। इनको दोबारा मौका दिया है।
नौकरी नहीं मिलेगी, एफआईआर भी होगी… ग्रुप-सी की 32 हजार भर्तियां चल रही हैं। ग्रुप-डी की भर्तियां भी होनी हैं। यदि कोई युवा घर में पहले सरकारी नौकरी नहीं, विधवा, पिता न होना आदि जानकारी देकर 5 अंक का दावा करेगा, तो उसकी जांच कराई जाएगी। दावा गलत मिला तो एफआईआर की सिफारिश की जाएगी।

