
पंजाब के 5 सरकारी कॉलेजों में फैकल्टी और कृषि भूमि की कमी के चलते अब BSC एग्रीकल्चर (ऑनर्स) का कोर्स बंद हो जाएगा। लेकिन इस संकट को टालने में मान सरकार भी विफल रही है। क्योंकि आगामी करीब 15 दिन में वे स्टूडेंट्स भी पासआउट हो जाएंगे, जिन्होंने 4 साल पहले कोर्स के लिए कॉलेजों में दाखिला लिया था।
पंजाब के जिन जिलों के कॉलेजों में BSC एग्रीकल्चर (ऑनर्स) का कोर्स बंद होगा, उनमें होशियारपुर, टांडा, फरीदकोट, पटियाला और मुक्तसर साहिब शामिल हैं। यहां के सरकारी कॉलेज इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (ICAR) के नियमों की पालना नहीं कर सके। यही कारण है कि स्टूडेंट्स कोर्स के लिए अब इन कॉलेजों में दाखिला नहीं ले सकेंगे। बीते लंबे समय से यह जानकारी सरकार के संज्ञान में है। लेकिन राज्य सरकार भी ICAR के नियमों को पूरा नहीं करने पर बने गहराए संकट को टाल नहीं सकी है।
बीते 3 साल से नहीं हुए एडमिशन
सरकारी कॉलेजों में ICAR के नियमों को पूरा नहीं करने के कारण बीते 3 साल से BSC एग्रीकल्चर (ऑनर्स) के कोर्स के लिए स्टूडेंट्स दाखिला नहीं ले सके हैं। अब आगामी 15 दिन में वे स्टूडेंट्स भी पासआउट हो जाएंगे, जिन्होंने 4 साल पहले दाखिला लिया था। इसके बाद कॉलेजों में इस कोर्स के लिए अन्य स्टूडेंट्स का दाखिला नहीं हो सकेगा।
साल 2013 में कोर्स की हुई शुरुआत
पटियाला के मोहिंद्रा कॉलेज में साल 2013 में BSC एग्रीकल्चर कोर्स की शुरुआत की गई थी। इसे बाद में 150 सीटों के साथ BSC (ऑनर्स) एग्रीकल्चर में बदल दिया गया था। पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल एजुकेशन द्वारा जनवरी 2019 में कृषि के कोर्स चलाने वाले कॉलेजों की मान्यता के लिए ICAR के दिशा-निर्देशों को नोटिफाई करने के बाद से समस्याएं दरपेश आने लगी थी।
फैकल्टी में नौकरी जाने का बना है डर
कोर्स बंद होने से फैकल्टी सदस्यों में उनकी नौकरी जाने का डर बना हुआ है। हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स सोसाइटी एम्प्लॉइज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हेमंत वत्स ने कहा है कि मान्यता नहीं होने से स्टूडेंट उक्त सरकारी कॉलेजों में दाखिला नहीं ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्राइवेट इंस्टीट्यूशन्स द्वारा भी नियम पूरे नहीं किए गए। लेकिन इनमें चार गुणा सीटों और दोगुना फीस के साथ उक्त कोर्स कराए जा रहे हैं।
UGC से यूनिवर्सिटी को मान्यता की अपील
हायर एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी जसप्रीत तलवार ने कहा कि UGC से अपील की जा रही है कि कॉलेजों को पंजाब समेत कई यूनिवर्सिटी से मान्यता के साथ काम करने की परमिशन दी जाए। वर्तमान में पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी को केवल एक यूनिवर्सिटी से ही मान्यता है। लेकिन अभी तक परमिशन नहीं मिल सकी है।

