26.2 C
Jalandhar
Sunday, November 16, 2025
spot_img

निगम ने कार्रवाई करने को पीपीसीबी से की सिफारिश:सीवर में केमिकल युक्त पानी डालने वाली एक यूनिट पकड़ी

पांच दिन पहले ग्यासपुरा के सुआ रोड पर सीवरेज में जहरीली गैस बनने से 2 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद अभी भी शहर की कई इंडस्ट्री केमिकलयुक्त अनट्रीटेड पानी निगम के घरेलू सीवरेज लाइन में बहाने से बाज नहीं आ रही है।

वीरवार को नगर निगम(एमसी) ने सीवर लाइनों में अनट्रीटेड केमिकलयुक्त पानी डंप करने वाली औद्योगिक इकाई, कपड़ा/टैक्सटाइल यूनिट- प्रिंट विजन इंडिया को अवैध गतिविधि करते हुए पकड़ा है। ये औद्योगिक इकाई फोकल पाॅइंट के फेस-6 में स्थित है।

नगर निगम के अधिकारियों द्वारा रंगीन केमिकल युक्त पानी को सीवर लाइनों में फेंके जाने के तुरंत बाद पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(पीपीसीबी) के अधिकारियों को घटनास्थल का दौरा करने और अनट्रीटेड रंगीन पानी के नमूने एकत्रित करने के लिए कहा गया और पीपीसीबी को गड़बड़ी करने वाली इकाई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।

एसडीओ कमल के नेतृत्व में टीम ने भी यूनिट का निरीक्षण किया और पाया कि यूनिट में ईटीपी नहीं लगा है। जबकि पीपीसीबी से यूनिट संचालित करने के लिए ली गई सहमति के संबंध में भी कर्मचारी कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। यूनिट का सीवर कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

इधर, पुलिस ने 22 लोगों के लिए बयान

ग्यासपुरा में 11 लोगों की मौतों के मामले में पुलिस की तरफ से अपना काम तेजी से किया जा रहा है। हादसे के 5वें दिन तक पुलिस ने 22 लोगों के बयान ले लिए हैं। जानकारी के मुताबिक बुधवार से ही पुलिस प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लेने में लगी थी।

जिसमें मृतकों के परिवारों के लोग भी शामिल थे। लेकिन वीरवार को पुलिस ने पीपीसीबी, नगर निगम समेत बाकी के विभागों को अपने बयान दर्ज करवाने के लिए समन किया था। लिहाजा उन्होंने टीमों से उनके काम का रिव्यू लिया, इसके साथ ही उनसे इस मामले में जिम्मेदार कौन है, इसकी डिटेल्स मांगी है।

अधिकारियों ने अब तक जो जो भी इस मामले में किया, फिर वो कैमिकल और एसिड इस्तेमाल करने वाली फैक्टरियां थीं, जिन्हें उन्होंने शार्टलिस्ट किया है। वो सभी जांच के घेरे में हैं। इसकी रिपोर्ट पुलिस से शेयर किया।

अवैध गतिविधि को रोकने के लिए नियमित अभियान चलाया जा रहा है। गड़बड़ी करने वाले उद्योग के सीवर कनेक्शन काटने के अलावा, पीपीसीबी को इकाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि ये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आता है।

Related Articles

Stay Connected

2,684FansLike
4,389FollowersFollow
5,348SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles