
लतीफपुरा में लोगों का दोबारा बसाने की मांग पर आंदोलन जारी है। सोमवार को यहां पर 14 फरवरी से शुरु की गई क्रमवार भूख हड़ताल जारी रही है। लतीफपुरा में बेघर हुए लोग भूखहड़ताल पर बैठे रहे। माडल टाउन में बीएसएनएल की एक्सचेंज के सामने टैंट लगाकर यहां के लोग भूख हड़ताल में बैठे हैं।
जहां तीखी धूप का सारा दिन असर होता है। जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने 9 दिसंबर को सरकारी जमीन कब्जामुक्त करने के नाम पर लोगों के घरों की डिमॉलिश की थी। जिसके बाद से आंदोलन चल रहा है। लोग तोड़े घरों का मुआवजा देने और दोबारा बसाने की मांग कर रहे हैं।
पच्चीस अप्रैल को आंदोलन चला रहे संगठनों की संयुक्त सदस्यता से बने मुड़ वसेबा मोर्चा की मीटिंग बुलाई गई है। इसमें आंदोलन की अगली रूपरेखा तैयार की जाएगी। जालंधर में लोकसभा उपचुनाव के मद्देनजर आंदोलन को तेज किया जाएगा।
मुड़ वसेबा मोर्चा की मीटिंग के बारे में इसके नेता कश्मीर सिंह घुग्शोर ने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उजाड़े गए घरों को छत नहीं देती। यही कारण है कि तीखी धूप के बीच क्रमवार भूख हड़ताल जारी है। राज्य सरकार उदासीन है।
जब दिसंबर में कंपकपाती ठंड पड़ रही थी तो सरकार ने लतीफपुरा के लोगों के घर गिरा दिए। उस दिन 9 तारीख थी। घर गिराने के बाद 9-10 दिसंबर की रात लोग ठंड में खुले आसमान तले बैठे थे। उनका आंदोलन आज तक जारी है लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही है।
दूसरी तरफ मुड़ वसेबा मोर्चा में हंसराज पबवां, कश्मीर सिंह घुग्शोर, डॉ. गुरदीप सिंह, जसकरण सिंह काहनपुर, धरमिंदर सिंह, मंगलजीत सिंह पंडोरी, अमृतपाल सिंह लौंगोवाल, मनजीत सिंह, मंदीप कौर, बाबा हरचंद और सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। वह आंदोलन को लेकर सभी बिंदुअों पर चर्चा करेंगे। वहीं, लोग आज भी महीनों से टैंटों में रातें काट रहे हैं। जो घर गिराए थे, उनका मलबा बरकरार है।

