
लोकसभा उपचुनाव में पोस्ट मैट्रिक स्काॅलरशिप स्कीम का पैसा न मिलने का मुद्दा बनने के बाद सरकार सक्रिय हुई है। जो पैसा लंबित पड़ा है, इसे जारी करने को लेकर प्रोसेस शुरु हुआ है। साल 2017-18 से लेकर 2019-20 तक 3 साल का पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत जिन स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया था, अब वह पास हो चुके हैं।
उन्हें लंबे इंतजार के बाद पैसा मिलेगा। लेकिन राज्य के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट ने पैसा जारी करने से पहले सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के स्टाफ को कालेजों में भेजकर वेरिफिकेशन शुरु की है। सभी स्टूडेंट्स की लिस्ट को यूनिवर्सिटी के नतीजों की लिस्ट से तुलना की जा सकती है। जिन लोगों ने कोर्स पूरे कर लिए उनके खातों में पैसा जाएगा।
राज्य में वर्तमान में 2020-21 और 2022-23 के पोस्ट मैट्रिक स्काॅलरशिप स्कीम के पैसे सरकार ने पहले ही जारी कर दिए थे। इसकी वजह केंद्र सरकार का सख्त रुख है। अब पिछले सालों के पेंडिंग पैसे जारी करने से पहले सभी कालेजों से कहा गया है कि वह औडिट टीम के मेंबर्स को स्टूडेंट्स का रिकाॅर्ड उपलब्ध कराएं। जालंधर में सभी काॅलेजों का ऑडिट होने के बाद इन सभी स्टूडेंट्स का स्टीक आंकड़ा सामने आएगा।
वेरिफिकेशन के दौरान स्टूडेंट्स के इनकम सर्टीफीकेट, एससी सर्टीफीकेट, यूनिवर्सिटी दाखिला, बैंक खाते आदि का डेटा मिलाकर देखा जाता है। फिलहाल सभी काॅलेजों में बारी-बारी ऑडिट करने में 2 से ज्यादा हफ्ते लगेंगे। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट बनने के बाद पैसा जारी होना है।
काॅलेजों के लिए संजीवनी बनी पीएमएस
पंजाब में हर साल 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना का लाभ मिलता है। हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स विदेश जाते हैं, एेसे में कालेजों में दाखिलों में बड़ी संख्या में सीटें पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम के तहत भरी जा रही हैं।

